एनटीपीसी कहलगांव में बायोमास को-फायरिंग पर बड़ी कार्यशाला; डीएम ने दीप जलाकर किया शुभारंभ — अब फसल अवशेष से भी बनेगी बिजली

भागलपुर, 06 दिसंबर 2025: एनटीपीसी कहलगांव ने SAMARTH Mission (विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार) के सहयोग से शनिवार को “बायोमास को-फायरिंग” विषय पर एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

NTPC

कार्यक्रम अंग भवन, नगर परिसर में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चला।

डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने किया उद्घाटन

समाहर्ता एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी (IAS) मुख्य अतिथि रहे।
उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की और कहा—

“बायोमास को-फायरिंग पर्यावरण संरक्षण, किसानों की आय वृद्धि और सतत विकास—तीनों के लिए सबसे प्रभावी माध्यम है। पराली जलाने की समस्या का स्थायी समाधान इसी से संभव है।”

कार्यशाला का उद्देश्य

  • ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग को बढ़ावा देना
  • किसानों के फसल अवशेषों का वैज्ञानिक प्रबंधन
  • पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करना
  • स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पादन को गति देना

SAMARTH Mission के निदेशक ने बताया—बायोमास से ऊर्जा उत्पादन का भविष्य

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े—

  • श्री रवि प्रकाश अग्रवाल, मिशन निदेशक, SAMARTH Mission
  • श्री जितेश श्रीवास, उप निदेशक, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण

दोनों अधिकारियों ने देशभर में बायोमास को-फायरिंग की वर्तमान स्थिति और आने वाली योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा—

“बायोमास को-फायरिंग कार्बन उत्सर्जन कम करने और भारत के ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभा रही है।”

क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (ईस्ट-1) श्री विजय गोयल भी VC के माध्यम से जुड़े।


एनटीपीसी कहलगांव के परियोजना प्रमुख बोले—यह भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा

परियोजना प्रमुख श्री रविन्द्र पटेल ने अतिथियों और विशेषज्ञों को धन्यवाद देते हुए कहा—

“एनटीपीसी न सिर्फ ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बायोमास को-फायरिंग हमें स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ाती है।”


कार्यशाला में क्या-क्या चर्चा हुई?

विशेषज्ञों ने विस्तार से बताया कि—

  • बायोमास से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आती है
  • किसानों को फसल अवशेषों का उचित मूल्य मिलता है
  • स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर बनते हैं
  • ताप संयंत्रों की कार्यक्षमता में सुधार होता है

कहलगांव SDM, कृषि पदाधिकारी, एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी, और भागलपुर–गोड्डा के बड़ी संख्या में किसान व उद्यमी इस कार्यशाला में मौजूद थे।


कार्यशाला के बाद डीएम ने प्लांट का निरीक्षण भी किया

कार्यक्रम के बाद जिला दंडाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने एनटीपीसी प्लांट का विजिट कर तकनीकी पहलुओं का जायजा लिया।


यह कार्यशाला बायोमास आधारित स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई।

पराली से प्रदूषण नहीं… अब बिजली बनेगी, और किसान भी कमाएंगे—इसी संदेश के साथ कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।


 

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