बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दसवीं बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव नालंदा जिले के कल्याण बिगहा का दौरा किया। यहां उन्होंने अपने पिता कविराज रामलखन सिंह की 48वीं पुण्यतिथि के मौके पर स्मृति वाटिका में पुष्पांजलि अर्पित की और मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। उनके साथ परिवार के सदस्य, बड़े भाई सतीश कुमार, पुत्र निशांत कुमार और गांव के लोग मौजूद रहे।
“जनता की आवाज भाई निशांत”: स्वागत द्वार ने खींचा ध्यान
मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर गांव में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मुख्य द्वार पर विशेष तोरण बनाया गया था, जिस पर बड़े अक्षरों में लिखा था
“जनता की आवाज भाई निशांत”
यह संदेश पूरे कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण बना और गांव में चर्चा का केंद्र रहा।
निशांत कुमार को राजनीति में लाने की खुली मांग
स्वागत द्वार पर लिखे संदेश को देखते ही मुख्यमंत्री के बड़े भाई सतीश कुमार ने साफ-साफ कहा कि उनके भतीजे निशांत कुमार को अब राजनीति में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार इस कदम के समर्थन में है।
सतीश कुमार ने कहा—
“निशांत जब चाहें राजनीति में अपनी पारी शुरू कर सकते हैं। परिवार की तरफ से कोई आपत्ति नहीं होगी। मंत्री बनें या विधायक बनें, लेकिन राजनीति में सक्रिय होना चाहिए। हम तो चाहेंगे कि वह जल्द कदम रखें।”
“निशांत को किसी तैयारी की जरूरत नहीं”
सतीश कुमार ने कहा कि निशांत को राजनीति में आने से पहले किसी विशेष प्रशिक्षण या तैयारी की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करेंगे कि वे निशांत को सक्रिय राजनीति में लाने के लिए प्रेरित करें। अब फैसला पूरी तरह निशांत कुमार पर निर्भर है।


