दुर्ग/भोजपुर: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक 28 वर्षीय बिहारी मजदूर राहुल सिंह रजक की निर्मम हत्या ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। बिहार के भोजपुर जिले का रहने वाला राहुल उतई थाना क्षेत्र की एक आरा मिल में काम करता था। पुराने साथियों से विवाद इतना बढ़ा कि पांच लोगों ने उसे लाठी-डंडों से पीट-पीटकर अधमरा छोड़ दिया और शव को डुमरडीह बस स्टैंड के पास फेंककर फरार हो गए।
नौकरी से निकाले जाने के बाद बढ़ा विवाद
पुलिस के अनुसार, राहुल अक्सर शराब के नशे में झगड़ा करता था। इसी कारण ठेकेदार विजय पांडेय ने राहुल और उसके भाई सोनू को नौकरी से निकाल दिया था।
सोनू बिहार लौट गया, लेकिन राहुल वहीं रुका रहा।
5 नवंबर रात 10 बजे राहुल दोबारा आरा मिल पहुंचा, जहां अटल पांडेय, अक्षय कुमार, राहुल सिंह, अमरनाथ प्रजापति और अंजनी से कहा-सुनी हो गई और बात हिंसा तक पहुंच गई।
पिटाई के बाद सड़क किनारे फेंका शव
अगली सुबह 6 बजे डुमरडीह बस स्टैंड के पास राहुल का शव मिला।
पाटन SDOP अनूप लकड़ा ने बताया कि पोस्टमार्टम में सिर, छाती और पेट पर गहरे घाव मिले हैं।
मौत भीतरी रक्तस्राव और ब्रेन इंजरी से हुई।
24 घंटे में 5 आरोपी गिरफ्तार
सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान के आधार पर पुलिस ने 24 घंटे के भीतर
अटल पांडेय, अक्षय कुमार, राहुल सिंह, अमरनाथ प्रजापति और अंजनी को गिरफ्तार कर लिया है।
सभी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।
पुलिस ने ठेकेदार विजय पांडेय से भी पूछताछ की है और आरा मिल को सील करने की तैयारी चल रही है।
परिजनों का दुख—“हमारा सहारा छिन गया”
राहुल की पत्नी और दो छोटे बच्चे बिहार में रहते हैं।
परिजनों ने कहा कि राहुल पिछले चार साल से दुर्ग में काम कर रहा था और हर महीने 10–12 हजार रुपये घर भेजता था।
भाई सोनू ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
मजदूर सुरक्षा पर नए निर्देश
दुर्ग प्रशासन ने कहा कि—
- सभी आरा मिलों में रात में गश्त बढ़ाई जाएगी
- बाहरी राज्यों से आए मजदूरों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
- प्रवासी मजदूरों का अलग रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू किया जाएगा
दुर्ग जिले में पिछले 6 महीनों में तीन बिहारी मजदूरों की हत्या हो चुकी है, जिसके बाद प्रशासन सख्ती बरत रहा है।
राहुल का शव परिजनों को सौंप दिया गया है और गांव में शोक का माहौल है।


