पटना, 21 अगस्त 2025। बिहार सरकार के जीविका एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आज सचिवालय भवन, पटना में डिब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया। यह सत्र केन्या सरकार के प्रतिनिधिमंडल द्वारा आयोजित इमर्शन एंड लर्निंग एक्सचेंज (ILE) कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ।
सत्र का शुभारंभ जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा कुमारी शर्मा ने स्वागत संबोधन से किया। मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा ने सतत जीविकोपार्जन योजना के उद्देश्यों और बिहार में गरीबी उन्मूलन के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
केन्या के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने नालंदा जिले में इस योजना के तहत महिलाओं और गरीब परिवारों द्वारा अपनाए गए जीविकोपार्जन उपक्रमों का अवलोकन किया। इस दौरान श्री एंड्रयू मवादिमे, गवर्नर, तवेता काउंटी, केन्या ने योजना के प्रभाव और जमीनी क्रियान्वयन को सराहा और अनुभव साझा किया।
मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने कहा कि सतत जीविकोपार्जन योजना 2018 से बिहार में लागू है और अबतक 2.1 लाख परिवारों को लाभ पहुंचा चुकी है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत महिलाओं के सशक्तिकरण और गरीब परिवारों के विकास में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। उन्होंने ‘जीविका निधि’ नामक सहकारी संघ का भी उल्लेख किया, जो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
सत्र में श्री लोकेश कुमार सिंह, सचिव, ग्रामीण विकास विभाग ने कहा कि केन्या जैसी मित्र राष्ट्र इस मॉडल से सीखकर अपने देश में भी गरीबी उन्मूलन में सुधार कर सकती हैं। अंत में विशेष कार्य पदाधिकारी श्री राजेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भारत और केन्या सतत जीविकोपार्जन जैसी पहलों के माध्यम से गरीबी के विरुद्ध मिलकर कार्य कर सकते हैं।
गौरतलब है कि ILE कार्यक्रम जीविका, BRAC इंटरनेशनल और बंधन कोण नगर द्वारा समन्वित किया जाता है। इसके माध्यम से विभिन्न देशों के प्रतिनिधि बिहार की सतत जीविकोपार्जन योजना के कार्यों का अवलोकन कर अपने देश में लागू करने हेतु सीख लेते हैं। अबतक इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया है।


