पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर देखने को मिला है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को आज बड़ा झटका लगा है।पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने JDU से इस्तीफा देकर आरजेडी (RJD) का दामन थाम लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, लक्ष्मेश्वर राय ने आज तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी की सदस्यता ग्रहण की।इससे एक दिन पहले, महागठबंधन से कई विधायकों ने इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी थी।
RJD में शामिल होते ही JDU पर हमला
आरजेडी में शामिल होने के तुरंत बाद लक्ष्मेश्वर राय ने जेडीयू नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा
“जिस पार्टी के साथ मैंने इतने सालों तक काम किया, वह अब अतिपिछड़ों की पार्टी नहीं रह गई है।अतिपिछड़े समाज के लोगों का वहां कोई सम्मान नहीं है।इसलिए मैंने यह कदम उठाया है।”
लक्ष्मेश्वर का कहना है कि जेडीयू में अति पिछड़े वर्ग (EBC) की लगातार अनदेखी की जा रही है, जिससे वे नाराज थे।
संजय झा पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने जेडीयू के नेता संजय झा पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा
“संजय झा ने पार्टी पर कब्जा कर लिया है।
उनकी मर्जी के बिना कोई फाइल पास नहीं होती और न ही किसी अधिकारी का तबादला होता है।
पार्टी अब कुछ लोगों की जेब में समा गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू को अब “संजय झा की पार्टी” कहा जा सकता है, और यही वजह है कि उन्होंने राजद का साथ चुना।
गरीब परिवार से आते हैं लक्ष्मेश्वर राय
लक्ष्मेश्वर राय मधुबनी जिले के लौकहा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। वे एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। साल 2015 में उन्होंने जेडीयू के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा और बीजेपी प्रत्याशी प्रमोद प्रियदर्शी को हराया था।
राजनीति में आने से पहले लक्ष्मेश्वर एसएफआई (SFI) से जुड़े रहे और जिला सचिव के पद पर कार्य कर चुके हैं। उनकी पत्नी भी आंगनबाड़ी केंद्र में बड़ी सेविका के पद पर कार्यरत हैं।
तेजस्वी बोले – “हमारे साथ सभी वर्गों का सम्मान”
आरजेडी में शामिल होने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी सभी वर्गों का सम्मान करती है।
उन्होंने कहा
“हम बिहार में सामाजिक न्याय और समान प्रतिनिधित्व के लिए काम कर रहे हैं।
लक्ष्मेश्वर जी जैसे नेताओं का हमारे साथ जुड़ना इस मिशन को और मजबूत करेगा।”


