मुजफ्फरपुर में 23.36 करोड़ का निवेश, रेडिमेड गारमेंट्स इकाई को मंजूरी – बिहार में औद्योगिक विकास को नई गति

पटना, 12 सितंबर: बिहार के औद्योगिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जुड़ गया है। मुजफ्फरपुर जिले के बेला औद्योगिक क्षेत्र (फेज-2) में अब रेडिमेड गारमेंट्स निर्माण इकाई की स्थापना होने जा रही है। M/s Gogreen Apparel Limited को 23.36 करोड़ रुपये (2336.22 लाख रुपये) के निजी निवेश के साथ इस परियोजना के लिए वित्तीय प्रोत्साहन क्लियरेंस मिल गया है।

प्रतिवर्ष 55 लाख पीस उत्पादन क्षमता

यह इकाई प्रति वर्ष 55 लाख रेडिमेड गारमेंट्स तैयार करने में सक्षम होगी। इसके लिए कंपनी ने सभी आवश्यक औपचारिकताएँ — भूमि संबंधी दस्तावेज, परियोजना प्रतिवेदन, बैंक एप्रेज़ल रिपोर्ट और ऋण स्वीकृति पत्र — प्रस्तुत किए थे। सभी प्रक्रियाएँ पूरी करने के बाद राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति दी गई।

टेक्सटाइल और लेदर सेक्टर में प्राथमिकता

यह परियोजना टेक्सटाइल एवं लेदर प्रक्षेत्र के अंतर्गत आती है, जिसे राज्य सरकार ने अपनी उच्च प्राथमिकता सूची में रखा है। सरकार का मानना है कि इस तरह के निवेश से बिहार को रोजगार सृजन, औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में नई पहचान मिलेगी।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बयान

बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने कहा:

“यह केवल एक गारमेंट्स यूनिट नहीं है, बल्कि बिहार को औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार लगातार उद्योगों को बढ़ावा देने का काम कर रही है। नई औद्योगिक नीति 2025 को लागू करने के बाद हमें भरोसा है कि आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और बिहार आत्मनिर्भर बनेगा।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में निवेश के नए अवसर पैदा हों और बिहार देश के औद्योगिक केंद्रों में से एक के रूप में उभरे।

रोजगार और विकास की संभावनाएँ

इस इकाई के संचालन से स्थानीय स्तर पर सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए गारमेंट्स उद्योग रोजगार का बड़ा स्रोत साबित हो सकता है। साथ ही यह निवेश बिहार के कपड़ा उद्योग को नई दिशा देगा।

सरकार की नई औद्योगिक नीति 2025 का असर

हाल ही में बिहार सरकार ने नई औद्योगिक नीति 2025 को मंजूरी दी है। इस नीति में निवेशकों के लिए कर रियायतें, आसान स्वीकृति प्रक्रिया और वित्तीय प्रोत्साहन जैसी सुविधाएँ दी गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति से बिहार में बड़े पैमाने पर उद्योगपतियों का रुझान बढ़ेगा।


 

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