पटना, 24 जुलाई।बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का गुरुवार का दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन के विधायक आमने-सामने आ गए। तीखी नोकझोंक के बीच सदन में हाथापाई जैसी स्थिति बन गई। हालात को संभालने के लिए मार्शलों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
तेजस्वी यादव का आरोप: सदन में अपमानित किया गया
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक जनक सिंह ने उन्हें अपशब्द कहे और अपमानित करने की कोशिश की।
“मैंने अपने राजनीतिक जीवन में किसी को अपशब्द नहीं कहा, लेकिन आज भाजपा विधायकों ने सदन के अंदर मेरे साथ गाली-गलौज की।”
– तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
जनक सिंह का पलटवार: साबित हो जाए तो दे दूंगा इस्तीफा
तेजस्वी यादव के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा विधायक जनक सिंह ने कहा कि उन्होंने कोई असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं किया। उन्होंने चुनौती दी कि अगर वीडियो में यह सिद्ध हो जाए तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं।
“मैंने कोई अभद्र भाषा नहीं बोली। यदि आरोप साबित हो जाए तो मैं इस्तीफा दूंगा, वरना तेजस्वी यादव को इस्तीफा देना चाहिए।”
– जनक सिंह, भाजपा विधायक
राजद विधायकों पर लगाया गया मार्शलों से धक्का-मुक्की का आरोप
हंगामे के दौरान सदन में कुर्सियाँ फेंके जाने और मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की की घटनाएं सामने आईं। भाजपा विधायक संजय सिंह ने राजद विधायकों पर सदन में ‘‘गुंडागर्दी’’ करने का आरोप लगाया।
“राजद विधायकों ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर भी अभद्र टिप्पणी की। मार्शलों को चोटें आई हैं।”
– संजय सिंह, भाजपा विधायक


