गोपालगंज: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। गोपालगंज सदर विधानसभा सीट से पार्टी ने इस बार वर्तमान विधायक कुसुम देवी का टिकट काटकर जिला परिषद अध्यक्ष सुभाष सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
जैसे ही यह खबर कुसुम देवी और उनके परिवार तक पहुंची, वह भावुक होकर रो पड़ीं। उनके बेटे अमन कुमार की आंखों में भी आंसू आ गए। मौके पर बड़ी संख्या में समर्थक जुटे और “न्याय चाहिए, सम्मान चाहिए” जैसे नारे लगाने लगे।
विधायक बोलीं — “20 साल की निष्ठा का ऐसा इनाम मिला”
भावुक लहजे में विधायक कुसुम देवी ने कहा,
“हमने बीते 20 सालों से पार्टी की सेवा की। हर परिस्थिति में पार्टी के साथ खड़ी रहीं। जब पार्टी को ज़रूरत थी, हमने घर-परिवार छोड़कर जनता के बीच काम किया। आज पार्टी ने हमारे साथ विश्वासघात किया है।”
उन्होंने बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि टिकट देने में पैसे का खेल हुआ है।
बेटे अमन कुमार का आक्रोश
कुसुम देवी के बेटे अमन कुमार ने भी मंच से खुलकर नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा,
“मेरी मां ने दिन-रात जनता के लिए काम किया, लेकिन पार्टी ने पैसे वालों के आगे सिर झुका दिया।”
अमन कुमार ने कहा कि वे चाहे किसी पार्टी से या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मिथिलेश तिवारी को “रिकॉर्ड मतों से हराएंगे।”
समर्थकों में उबाल
घटना के बाद से गोपालगंज में कुसुम देवी के आवास पर समर्थकों की भीड़ लगी है। समर्थकों ने कहा कि वे “विश्वासघात के खिलाफ लड़ाई” जनता के बीच लड़ेंगे।
स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यदि कुसुम देवी या उनका परिवार निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरता है, तो यह गोपालगंज और बैकुंठपुर दोनों सीटों पर समीकरण बदल सकता है।
भाजपा में असंतोष खुलकर सामने आया
एनडीए के टिकट बंटवारे के बाद जहां कुछ नेता खुश हैं, वहीं कई पुराने चेहरों में गहरी नाराज़गी देखने को मिल रही है। गोपालगंज सदर सीट का यह घटनाक्रम भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है और आने वाले दिनों में चुनावी समीकरणों पर बड़ा असर डाल सकता है।


