पटना, 14 सितंबर: बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने शनिवार को नालंदा स्थित राजगीर के ग्लास ब्रिज और जू सफारी का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “राजगीर का चप्पा-चप्पा एनडीए सरकार की विकास गाथा का प्रतीक है।”
मंत्री ने इस दौरान कहा कि बिहार ने पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को जोड़कर पिछले कुछ वर्षों में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो पूरे देश के लिए मिसाल हैं।
राजगीर जू सफारी और वन्यजीव संरक्षण
डॉ. सुनील कुमार ने सफारी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में देशभर से आए प्रख्यात चिकित्सकों का स्वागत किया और उन्हें राजगीर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि राजगीर जू सफारी में बाघ, शेर, तेंदुआ, भालू और हिरण जैसे वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक वातावरण में संरक्षित किया गया है। मंत्री ने इसे एशिया का पहला जू सफारी बताते हुए कहा कि यह न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है।
ग्लास ब्रिज: आधुनिक तकनीक और प्राकृतिक सुंदरता का संगम
ग्लास ब्रिज का जिक्र करते हुए डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि यह आधुनिक तकनीक और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम है। यहां आने वाले पर्यटक रोमांच का अनुभव करते हैं और आसपास की पर्वतीय श्रृंखलाओं और हरियाली से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि राजगीर केवल पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह बौद्ध, जैन और मगध साम्राज्य की गौरवशाली परंपरा से भी जुड़ा हुआ है। इसके माध्यम से न केवल स्थानीय रोजगार सृजन हुआ है, बल्कि वैश्विक स्तर पर राजगीर की पहचान और मजबूत हुई है।


