महज 12 दिन में पासपोर्ट वेरिफिकेशन करने पर बिहार पुलिस को केंद्रीय सम्मान

विदेश मंत्रालय ने ‘सर्टिफिकेट ऑफ रिकॉग्नाइजेशन’ से नवाजा, चिपयुक्त पासपोर्ट की तैयारी भी तेज

पटना | 24 जून 2025: पासपोर्ट सत्यापन सेवा को समयबद्ध और दक्षतापूर्वक अंजाम देने के लिए बिहार पुलिस को केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है। केंद्रीय विदेश मंत्रालय की ओर से बिहार पुलिस को ‘सर्टिफिकेट ऑफ रिकॉग्नाइजेशन’ प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में आईजी (मुख्यालय) राकेश राठी ने प्राप्त किया।

सिर्फ 12 दिनों में पूरा हो रहा सत्यापन

एडीजी (विशेष शाखा) सुनील कुमार ने बताया कि राज्य में पासपोर्ट वेरिफिकेशन का औसत समय अब 12 दिन हो गया है, जिसे और घटाकर 10 दिन से कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में सभी थाना स्तरों पर निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

2024 में बिहार में कुल 4,38,994 पासपोर्ट आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से सर्वाधिक आवेदन सीवान (63,000), गोपालगंज (52,000) और पटना (40,000) से थे। सबसे कम आवेदन खगड़िया से आए, जहां वेरिफिकेशन का औसत समय सिर्फ 5 दिन रहा।

तकनीक से बदली तस्वीर

राज्य के 1128 थानों को पासपोर्ट सत्यापन के लिए विशेष टैबलेट दिए गए हैं। 2021 से यह तकनीकी पहल शुरू की गई, जिससे पहले जहां सत्यापन में 30 दिन तक लगते थे, अब वह समय काफी कम हो गया है।

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अब बनेंगे चिप लगे पासपोर्ट

मई 2025 से बिहार में जारी होने वाले सभी पासपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी। इस चिप में आवेदक की इमिग्रेशन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी संचित रहेगी, जिसे स्कैन कर तुरंत पढ़ा जा सकेगा।

इसके साथ ही, समय से कम अवधि में वेरिफिकेशन करने पर प्रति आवेदन केंद्र सरकार 150 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि देती है। 2024 में बिहार पुलिस को इस मद में ₹19.89 करोड़ मिले

पासपोर्ट सेवा से जुड़ी ट्रेनिंग भी

स्वधा रिजवी, बिहार की क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के सहयोग से पुलिस अधिकारियों को पासपोर्ट प्रक्रियाओं को लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे सेवा की गुणवत्ता और बेहतर हो।


कल्याणकारी योजनाओं में भी सक्रिय बिहार पुलिस

सेवाकाल में मृत पुलिसकर्मियों के परिजनों को मिली सहायता, शिक्षा और चिकित्सा मद में करोड़ों की सहायता राशि

एडीजी (बजट, अपील, कल्याण) कमल किशोर सिंह ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ समझौते के तहत 33 मृत पुलिसकर्मियों के परिजनों को ₹20 लाख प्रति व्यक्ति बीमा के तहत सहायता राशि प्रदान की गई। कुल भुगतान ₹6.60 करोड़ रहा।

अन्य मदों में सहायता:

  • परोपकारी कोष: 372 कर्मियों को ₹1.42 करोड़
  • शिक्षा कोष: 509 बच्चों को ₹97.11 लाख
  • पुलिस कल्याण कोष: 106 कर्मियों को ₹35.68 लाख
  • चिकित्सा प्रतिपूर्ति: 998 कर्मियों को ₹4.05 करोड़

अनुकंपा पर नियुक्तियां भी हुईं

सेवाकाल में मृत 44 पुलिसकर्मियों के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी गई:

  • लिपिक: 9
  • सिपाही: 12
  • बाल सिपाही: 23

सेवानिवृत्त लाभ की समयबद्ध प्रक्रिया

2025 के मई तक:

  • 328 पेंशन
  • 389 भविष्य निधि
  • 341 उपादान
  • 358 ग्रुप बीमा
  • 395 उपार्जित अवकाश
    के मामलों का सफल निपटारा किया गया।

 

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