पटना, 18 सितंबर।बिहार सरकार की पहल से स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में राज्य के युवा, महिलाएं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग नई राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उद्योग विभाग की योजनाओं ने न सिर्फ हजारों उद्यमियों को संबल दिया है, बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की नई कहानियां गढ़ी हैं।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना – 43,870 लाभुकों को मिला सहारा
- 2018 से लागू इस योजना में अब तक 43,870 लाभुकों को 3,125.52 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
- प्रत्येक लाभुक को 10 लाख रुपये तक की परियोजना सहायता दी जाती है।
- 50% अनुदान (अधिकतम 5 लाख रुपये तक)
- 50% ऋण (अधिकतम 5 लाख रुपये तक)
- युवा उद्यमियों के लिए दिए गए ऋण पर मात्र 1% ब्याज देना होता है।
📌 हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 1,333 लाभुकों को 62.10 करोड़ रुपये की द्वितीय किस्त दी गई।
लाभुक वर्गों का विवरण इस प्रकार है:
- अनुसूचित जाति/जनजाति – 281
- अति पिछड़ा वर्ग – 257
- युवा – 272
- महिला – 286
- अल्पसंख्यक – 237
बिहार लघु उद्यमी योजना – आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मजबूती
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में शुरू हुई इस योजना में अब तक 71,740 लाभुकों को 570 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।
- इस योजना के तहत स्वरोजगार के लिए अधिकतम 2 लाख रुपये की सहायता किस्तों में अनुदान के रूप में दी जाती है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और बिहार लघु उद्यमी योजना ने मिलकर बिहार में आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार का मजबूत आधार तैयार किया है।


