डेढ़ साल में 1626 मामलों में मिला 84.19 करोड़, हिट एंड रन के 5,830 पीड़ितों को भी मदद
पटना, 27 सितंबर।सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के मामले में बिहार देशभर में पहले स्थान पर आ गया है। एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने शुक्रवार को पटना पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले डेढ़ से दो वर्षों में 1626 मामलों में 84 करोड़ 19 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।
हिट एंड रन मामलों में भी बिहार सबसे आगे
मोटर दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा देने की योजना के तहत गंभीर चोट पर 50 हजार और मौत पर 2 लाख रुपये का प्रावधान है।
- जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) के पास हिट एंड रन से जुड़े 9,080 मामले भेजे गए।
- इनमें से 5,830 मामलों में पीड़ितों को मुआवजा मिल चुका है।
- बिहार का औसत राष्ट्रीय औसत के बराबर यानी 25% है।
तेजी से निपटेंगे मामले
एडीजी ने बताया कि सड़क दुर्घटना मामलों का समय पर निपटारा करने के लिए 10 जिलों—पटना, सारण, पूर्णिया, गया, डेहरी, सहरसा, मुंगेर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर—में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) का गठन किया गया है।
यहां पर मामलों का निपटारा 6 महीने, 9 महीने और अधिकतम 12 महीने में करने का लक्ष्य रखा गया है।
फॉर्म और प्रक्रिया की जानकारी जरूरी
सुधांशु कुमार ने कहा कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है।
- थाना स्तर पर फॉर्म-3 भरकर उपलब्ध कराना पुलिस की जिम्मेदारी है।
- 90 दिनों में चार्जशीट दाखिल करना अनिवार्य है, जिसे विस्तृत एक्शन रिपोर्ट कहा जाता है।
- इसके अलावा फॉर्म-5 (अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट) भी उपलब्ध कराना होता है।


