पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान प्रतिशत में बदलाव किया गया है। चुनाव आयोग (ECI) ने नई समीक्षा के बाद अद्यतन आंकड़े जारी किए हैं। आयोग के मुताबिक अब पहले चरण में कुल 65.8% मतदान दर्ज किया गया है, जो पहले जारी आंकड़े से थोड़ा अधिक है।
नए मतदान प्रतिशत को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है। सत्ता पक्ष ने इसे सरकार की लोकप्रियता का प्रमाण बताया, जबकि विपक्ष ने दावा किया कि यह “परिवर्तन की लहर” का संकेत है।
अंतिम फैसला 14 नवंबर को आएगा, जब मतगणना के बाद तस्वीर पूरी तरह साफ होगी।
मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक वोटिंग, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने दिखाया दम
पहले चरण में मुजफ्फरपुर जिले में सबसे ज्यादा मतदान हुआ।
ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने रिकॉर्ड तोड़ संख्या में मतदान कर चुनावी प्रक्रिया में अपनी मजबूत भागीदारी दर्ज कराई।
शहरी क्षेत्रों में भी अपेक्षा से बेहतर वोटिंग देखने को मिली।
कुछ जिलों में तकनीकी गड़बड़ियों की शिकायतें आई थीं, लेकिन चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई कर मतदान प्रभावित नहीं होने दिया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, EVM और VVPAT पूरी निगरानी में
ECI के अनुसार—
- EVM और VVPAT मशीनों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात थे।
- मतदान समाप्त होने के बाद सभी मशीनों को सुरक्षित स्ट्रॉन्गरूम में पहुंचाया गया।
- पर्यवेक्षकों और चुनाव अधिकारियों ने हर चरण की बारीकी से निगरानी की, ताकि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रहे।
अब निगाहें दूसरे चरण की वोटिंग पर
अब पूरा राज्य 11 नवंबर 2025 को होने वाले दूसरे चरण की ओर देख रहा है।
चुनाव आयोग को उम्मीद है कि दूसरे चरण में भी मतदाताओं की भारी भागीदारी देखने को मिलेगी।
बढ़ती राजनीतिक जागरूकता का सबूत
इस बार का चुनाव सिर्फ सरकार बदलने या बनाए रखने का मामला नहीं, बल्कि बिहार की जनता की बढ़ती राजनीतिक जागरूकता का संकेत भी माना जा रहा है।
फाइनल आंकड़ों ने साफ किया है कि मतदाता अब पहले से कहीं अधिक सक्रिय, सजग और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति जिम्मेदार हैं
65.8% वोटिंग—बिहार ने रचा नया रिकॉर्ड
65.8% मतदान के साथ बिहार ने न सिर्फ नया रिकॉर्ड बनाया है, बल्कि बाकी राज्यों के लिए भी एक लोकतांत्रिक मिसाल पेश की है।
अब देखने वाली बात यह है कि यह ऐतिहासिक वोटिंग प्रतिशत किस राजनीतिक दल के पक्ष में जाता है और बिहार की सत्ता का रुख किस दिशा में मुड़ता है।
नतीजों का इंतजार सिर्फ बिहार नहीं, बल्कि पूरे देश को है।


