पटना: क्या छठ पूजा के बाद बिहार विधानसभा चुनाव होंगे? यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में तेजी से घूम रहा है। चुनाव आयोग (ECI) के दो दिवसीय दौरे के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है।
शनिवार को आयोग ने राजनीतिक दलों से बैठक की, जिसमें सभी दलों ने एक स्वर में छठ पूजा के बाद चुनाव कराने की अपील की।
हालांकि, रविवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया, लेकिन तैयारी को लेकर कई अहम जानकारियां दीं।
बिहारी अंदाज में प्रणाम, फिर चुनावी संदेश
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत भोजपुरी और मैथिली में बिहार की जनता को प्रणाम कर की।
उन्होंने कहा
“जैसे हम सब छठ पूजा मनाते हैं, वैसे ही मतदान को भी एक पर्व की तरह मनाना चाहिए।”
22 नवंबर से पहले खत्म होगा चुनाव
चुनाव तारीखें भले घोषित न हुई हों, लेकिन आयुक्त ने यह साफ किया कि 22 नवंबर से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि बिहार के सभी SP, DM, IG, कमिश्नर, मुख्य सचिव और DGP के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक हुई है।
“सभी जिलों के बूथ लेवल एजेंट्स की ट्रेनिंग दिल्ली में सम्पन्न हो चुकी है।
SIR प्रक्रिया 24 जून से शुरू हुई थी और तय समय पर पूरी हुई।” – ज्ञानेश कुमार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त
15 दिन में वोटर आईडी कार्ड
पहले जहां वोटर कार्ड आने में हफ्तों लग जाते थे, अब 15 दिनों के अंदर वोटर आईडी कार्ड वितरित करने की व्यवस्था की गई है।
अब हर बूथ लेवल ऑफिसर को फोटो आईडी कार्ड भी दिया गया है।
मतदान केंद्रों पर मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन मोबाइल रखने की अलग व्यवस्था सभी 90,000 पोलिंग बूथों पर की जाएगी।
‘वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म’ से मिलेगी जानकारी
चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए एक नया ‘वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म’ तैयार किया है, जहां मतदान से जुड़ी सभी अपडेट्स मिलेंगी।
स्लिप पर अब मतदाता संख्या और पता बोल्ड अक्षरों में लिखा रहेगा ताकि भ्रम की स्थिति न बने।
एक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता
अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।
आयोग ने यह निर्णय इसलिए लिया ताकि लंबी कतारें और अव्यवस्था से बचा जा सके।
इसके अलावा, उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट की सीमा अब 100 मीटर के अंदर तय कर दी गई है।
रंगीन तस्वीरों वाले EVM
अब EVM में प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीर और बड़े अक्षरों में क्रम संख्या दिखाई देगी।
साथ ही, किसी भी मिसमैच या गड़बड़ी की स्थिति में काउंटिंग दोबारा की जाएगी।
बिहार के सभी बूथों पर वेबकास्टिंग की तैयारी भी पूरी हो चुकी है।
डिजिटल इंडेक्स कार्ड की सुविधा
पहले इंडेक्स कार्ड देर से जारी किए जाते थे, लेकिन अब यह सुविधा डिजिटल रूप में कुछ घंटों के अंदर उपलब्ध होगी।
यह मीडिया और विश्लेषकों के लिए खासा उपयोगी रहेगा।
पोलिंग एजेंट्स को लेकर चेतावनी
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा
“सभी दल अपने पोलिंग एजेंट्स को मतदान केंद्रों पर जरूर रखें।
मॉक पोल (Form 17-C) सभी एजेंट्स के सामने होगा।”
SIR और वोटर लिस्ट पर स्पष्टीकरण
आयुक्त ने कहा कि SIR (Special Intensive Revision) चुनाव से पहले कराया जाना कानूनी रूप से आवश्यक है।
जिनका नाम वोटर लिस्ट से छूट गया है, वे अब भी दावा कर सकते हैं।
“1 अगस्त से 1 सितंबर तक आवेदन की प्रक्रिया चली थी, लेकिन अब भी मौका है।”
7 करोड़ मतदाताओं का सहयोग
बिहार में कुल 7 करोड़ से अधिक मतदाता SIR प्रक्रिया में शामिल हुए हैं।
आयुक्त ने बताया कि वोटर कार्ड में नाम, उम्र और पता की पुष्टि के बाद 15 दिनों में कार्ड भेजे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कितने चरणों में चुनाव होंगे, इसका निर्णय जल्द लिया जाएगा।
आधार कार्ड पर स्पष्टीकरण
ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा कि
“आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
यह सिर्फ पहचान का प्रमाण है।
मतदान का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत तय है।”
शिकायत का अवसर अब भी खुला
आयुक्त ने कहा कि जिनका नाम मतदाता सूची से हटाया गया है, वे अपने जिलों के DM से शिकायत कर सकते हैं।
नाम उन्हीं का काटा गया है, जो या तो भारत के नागरिक नहीं हैं, दो जगहों पर नाम हैं, या पलायन कर चुके हैं।


