बिहार चुनाव 2025: बीजेपी के टिकट वितरण पर मंथन तेज, दो दर्जन विधायकों की कट सकती है टिकट

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पार्टी इस बार 2020 की तुलना में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। प्रत्याशियों के चयन को लेकर बीजेपी की 19 सदस्यीय चुनाव समिति की दो दिवसीय बैठक पटना में हुई, जिसमें हर विधानसभा सीट पर संभावित उम्मीदवारों पर गहन मंथन किया गया।

टिकट सर्वे रिपोर्ट और परफॉर्मेंस पर निर्भर

बीजेपी ने इस बार स्पष्ट किया है कि टिकट वितरण पूरी तरह से सर्वे रिपोर्ट और विधायकों के परफॉर्मेंस पर आधारित होगा। पार्टी ऐसे प्रत्याशी को ही मैदान में उतारेगी जो “मैच जिताऊ” साबित हो सके। जहां विधायक का प्रदर्शन अच्छा रहा है, उन्हें दोबारा मौका मिलेगा, जबकि कमजोर प्रदर्शन करने वाले नेताओं के टिकट कट सकते हैं।

19 सदस्यीय चुनाव समिति का मंथन

दो दिनों तक चली इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी प्रभारी विनोद तावड़े, सह प्रभारी सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहे। चुनाव समिति ने सभी 243 सीटों की समीक्षा की और प्रत्याशियों की शॉर्टलिस्ट तैयार की। प्रत्येक सीट पर 3 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे जाएंगे। अंतिम मुहर बीजेपी के पार्लियामेंट्री बोर्ड लगाएगा।

डेंजर जोन में कई विधायक

सूत्रों के मुताबिक, इस बार दो दर्जन से अधिक विधायकों की टिकट कटने की संभावना है। इनमें वे विधायक शामिल हैं जो उम्रदराज हैं या जिन पर एंटी इनकंबेंसी का असर है। 2020 में जो उम्मीदवार 10 हजार से अधिक मतों से हारे थे, वे भी डेंजर जोन में हैं।
डेंजर जोन में आने वाले नामों में नंदकिशोर यादव, अरुण शंकर प्रसाद, मिश्री लाल यादव, रश्मि वर्मा, ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, विनय बिहारी जैसे नेता शामिल हैं।

जिनका टिकट पक्का माना जा रहा

वहीं कुछ नेताओं की स्थिति पूरी तरह सुरक्षित है। इनमें विजय कुमार सिन्हा (लखीसराय), सम्राट चौधरी (पटना साहिब), मंगल पांडे (सिवान), संजय सरावगी (दरभंगा), नीतीश मिश्रा (झंझारपुर), श्रेयसी सिंह (जमुई) और नितिन नवीन (बांकीपुर) का टिकट लगभग तय माना जा रहा है।

बाउंड्री लाइन पर कुछ नाम

कुछ नेताओं को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इनमें रेणु देवी (बेतिया), प्रमोद कुमार (मोतिहारी) और सुनील मणि त्रिपाठी (गोविंदगंज) का नाम शामिल है। पार्टी अंतिम निर्णय के लिए सर्वे रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

विश्लेषक बोले — “जीतने वाला ही मैदान में उतरेगा”

राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार के अनुसार, “बीजेपी इस बार केवल जीतने वाले प्रत्याशियों को ही टिकट देगी। एंटी इनकंबेंसी झेल रहे नेताओं को पार्टी किनारे कर सकती है।”
वहीं वरिष्ठ पत्रकार आरोही पांडे का कहना है कि “डबल इंजन सरकार विपक्ष के हर मुद्दे पर जवाब दे रही है, ऐसे में पार्टी टिकट वितरण में कड़े फैसले लेने से नहीं हिचकेगी।”


मुख्य बिंदु

  • टिकट चयन परफॉर्मेंस और सर्वे रिपोर्ट पर आधारित होगा
  • 2020 में हारे उम्मीदवारों में सिर्फ 8–10 को मिलेगा दोबारा मौका
  • कई वरिष्ठ नेता और मंत्री डेंजर जोन में
  • पार्लियामेंट्री बोर्ड अंतिम सूची को मंजूरी देगा
  • बीजेपी इस बार “मैच जिताऊ उम्मीदवारों” पर फोकस करेगी
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