भागलपुर : बुज़ुर्गों में तेजी से बढ़ रही डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की समस्या को लेकर भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल ने संसद में गंभीर मुद्दा उठाया।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने इस पर विस्तृत लिखित जवाब देते हुए बताया कि सरकार ने डिमेंशिया को उभरती हुई बड़ी चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।
सरकार ने माना—डिमेंशिया तेजी से बढ़ रही चुनौती
मंत्री ने बताया कि डिमेंशिया से जुड़े मुद्दों को
- वृद्धावस्था कार्यक्रम,
- गैर-संचारी रोग (NCD) कार्यक्रम,
- और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
में शामिल किया गया है।
मधुमेह–ब्लड प्रेशर कंट्रोल से डिमेंशिया का खतरा घटता है
NPCDCS कार्यक्रम के तहत
- बेहतर स्क्रीनिंग,
- शुरुआती पहचान,
- और बीमारी प्रबंधन
पर जोर दिया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि शुगर और BP को नियंत्रित रखने से डिमेंशिया का जोखिम कम होता है।
आयुष्मान भारत–HWC में अनिवार्य NCD स्क्रीनिंग
आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में डिमेंशिया से जुड़े जोखिम कारकों की जाँच को सेवा पैकेज में अनिवार्य किया गया है।
NPHCE के तहत बुज़ुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाएँ
सरकार ने बताया कि देशभर में—
- मेडिकल कॉलेजों में 30-बेड जेरियाट्रिक वार्ड,
- जिला अस्पतालों में 10-बेड जेरियाट्रिक इकाइयाँ,
- CHC–PHC में विशेष बुज़ुर्ग क्लिनिक,
- होम केयर,
- पुनर्वास इकाइयाँ,
- और जरूरतमंद बुज़ुर्गों को सहायक उपकरण
उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
767 जिलों में DMHP लागू — डिमेंशिया की पहचान और इलाज की सुविधा
देश के 767 जिलों में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (DMHP) चल रहा है, जिसमें डिमेंशिया/अल्ज़ाइमर की पहचान, इलाज और परामर्श की सुविधा शामिल है।
डिमेंशिया ग्रस्त बुज़ुर्गों के लिए 100% सरकारी अनुदान
सरकार ने बताया कि—
20 या अधिक वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने वाले गृहों, तथा डिमेंशिया/अल्ज़ाइमर के गंभीर रोगियों के लिए विशेष केंद्रों को 100% वित्तीय सहायता दी जाती है।
1.81 लाख से अधिक उप-केन्द्र और PHC बने ‘आरोग्य मंदिर’
यहाँ मानसिक, तंत्रिका और नशा संबंधी विकारों (डिमेंशिया सहित) को सेवा सूची में शामिल किया गया है।
टेली-मानस नेटवर्क पूरे देश में सक्रिय
- 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 53 टेली-मानस सेल सक्रिय
- अब तक 29.82 लाख से अधिक कॉलों का समाधान
- विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (2024) पर टेली-मानस ऐप लॉन्च
- वीडियो काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध
सांसद अजय मंडल ने कहा—सरकार का कदम सराहनीय, ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वयन तेज हो
सांसद मंडल ने मंत्री के लिखित उत्तर को जनता के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
उन्होंने कहा—
“डिमेंशिया को गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती मानकर सरकार ने जो व्यापक योजनाएँ शुरू की हैं, वह हमारे बुज़ुर्गों के सम्मानजनक जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन योजनाओं का क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में और तेज़ होना चाहिए।”
उन्होंने समाज और परिवारों से जागरूकता, रोकथाम और देखभाल प्रशिक्षण पर ध्यान देने की अपील की, ताकि डिमेंशिया से पीड़ित बुज़ुर्गों को बेहतर सहारा मिल सके।


