पटना | 17 सितंबर 2025: विश्व बांस दिवस के मौके पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), पटना क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय डाक विभाग, बिहार सर्किल ने मिलकर पहली बार पटना में खास पहल की है। 18 से 25 सितंबर तक प्रधान डाकघर (जीपीओ), पटना में बांस शिल्प उत्पादों और कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
उद्घाटन में कई गणमान्य मौजूद
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल, श्री मोजफ्फर अब्दाली (भा.डा.से.) ने किया। इस मौके पर निदेशक मुख्यालय बिहार सर्किल, श्री पवन कुमार और ICCR पटना की क्षेत्रीय निदेशक, श्रीमती स्वधा रिज़वी (IFS) समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
बांस: संस्कृति, आजीविका और सौंदर्य का प्रतीक
आयोजकों का कहना है कि यह पहल बिहार की सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक परंपराओं में बांस के महत्व को रेखांकित करने का प्रयास है। बांस न केवल घर-घर में इस्तेमाल होने वाला साधारण उत्पाद है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान से भी जुड़ा हुआ है।
जीपीओ जैसे सार्वजनिक कार्यालय में बांस की कलाकृतियाँ प्रदर्शित करना कार्यालयों को अधिक आकर्षक और सौंदर्यपूर्ण बनाने की दिशा में भी एक कदम है।
कुमारी किरण: विरासत में मिला हुनर
प्रदर्शनी में समस्तीपुर की शिल्पकार श्रीमती कुमारी किरण की कृतियाँ केंद्र में रहीं। उन्होंने अपने पिता से यह हुनर सीखा और आज उनकी उंगलियाँ बांस की पट्टियों को लैंपशेड, बैग, सूप और अन्य खूबसूरत डिज़ाइनों में बदल देती हैं।
उनकी कला पारंपरिक और आधुनिक बांस शिल्प का शानदार संगम है।
“बांस शिल्प, हरित भविष्य की राह”
इस मौके पर ICCR पटना की क्षेत्रीय निदेशक, स्वधा रिज़वी ने कहा—
“बिहार में बांस शिल्प को बढ़ावा देना सिर्फ आजीविका की परंपरा को सहेजना नहीं है, बल्कि स्थिरता और सांस्कृतिक पहचान का उत्सव भी है। हमारे कारीगर स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर रास्ता दिखाते हैं।”


