बेतिया | बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार अभियान में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम चंपारण के बेतिया में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। शाह ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए दावा किया कि 14 नवंबर को मतगणना के दिन सुबह 11 बजे तक एनडीए की जीत तय हो जाएगी।
उन्होंने कहा —
“पहले चरण का मतदान पूरा हो चुका है, अब 11 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग होगी। लेकिन 14 तारीख को जब गिनती शुरू होगी, तो सुबह 8 बजे से और 11 बजे तक लालू एंड कंपनी का सूपड़ा साफ हो जाएगा।”
‘ठगबंधन’ पर सीधा वार
अमित शाह ने विपक्षी महागठबंधन को “ठगबंधन” करार दिया और कहा कि अगर गलती से यह सत्ता में आया तो “चंपारण की धरती चंबल बन जाएगी और बिहार फिर से जंगलराज में लौट जाएगा।”
उन्होंने जनता से अपील की —
“ऐसे हालात से बचना है तो कमलछाप पर बटन दबाइए, ताकि बिहार विकास की राह पर आगे बढ़े।”
सीता मंदिर और वंदे भारत का वादा
गृह मंत्री ने अपने भाषण में धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा —
“अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर मोदी जी ने बनवाया। अब बिहार में माता सीता का भव्य मंदिर बन रहा है। जिस दिन सीतामढ़ी में माता सीता का मंदिर बन जाएगा, उसी दिन अयोध्या से सीतामढ़ी के लिए वंदे भारत ट्रेन शुरू की जाएगी।”
घुसपैठ पर कड़ा रुख और राहुल गांधी पर तंज
शाह ने भीड़ से पूछा —
“क्या घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना चाहिए या नहीं?”
भीड़ से समर्थन के नारे उठे तो उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा —
“राहुल बाबा ने चार महीने पहले ‘घुसपैठिया बचाओ यात्रा’ निकाली थी। चाहे वो कितनी भी यात्राएँ निकाल लें, लेकिन हम एक-एक घुसपैठिए को देश से बाहर निकालकर रहेंगे।”
उन्होंने सवाल उठाया —
“क्या कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया तय करेगा कि बिहार का मुख्यमंत्री कौन बनेगा?”
नीतीश कुमार की तारीफ और एनडीए की एकजुटता पर जोर
अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा —
“नीतीश जी ने 20 साल तक बिहार की सेवा की है और उन पर आज तक एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। ऐसी ईमानदारी आज के दौर में मिसाल है।”
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगा और बिहार को “स्थिरता और विकास की गारंटी” देगा।
यह भाषण न सिर्फ एनडीए के आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि धार्मिक, सुरक्षा और विकास के एजेंडे को एक साथ जोड़कर मतदाताओं को साधने की कोशिश भी दिखाता है।



