पटना (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक उठापटक अब तेज हो गई है। दल-बदल, आरोप-प्रत्यारोप और नए उम्मीदवारों के ऐलान के बीच AIMIM ने एक ऐसा नाम मैदान में उतारा है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
महुआ विधानसभा सीट से AIMIM ने बच्चा राय को उम्मीदवार बनाया है — वही बच्चा राय, जिनका नाम बिहार टॉपर घोटाले में प्रमुख आरोपी के रूप में सामने आया था। अब इस घोषणा के बाद महुआ सीट पर तेज प्रताप यादव के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
कौन हैं बच्चा राय? बिहार के ‘शिक्षा माफिया’ से उम्मीदवार बने AIMIM प्रत्याशी
बच्चा राय का असली नाम डॉ. अमित कुमार है। वह दो बार 12वीं की परीक्षा में फेल हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद वर्ष 1999 में अपने पिता के कॉलेज के प्रिंसिपल बन गए थे।
बच्चा राय पर आरोप है कि उन्होंने अपने कॉलेज को “टॉपर बनाने की फैक्ट्री” में बदल दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह छात्रों से 25,000 से 1 लाख रुपये तक लेकर टॉपर बनाने का वादा करते थे।
रूबी राय कांड और बिहार की फजीहत
साल 2016 में बिहार बोर्ड टॉपर घोटाले का खुलासा तब हुआ जब बच्चा राय की रिश्तेदार रूबी राय इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉपर बनीं, लेकिन वह अपने विषयों के नाम तक नहीं बता सकीं। इसके बाद पूरे देश में बिहार की किरकिरी हुई और जांच के बाद बच्चा राय को इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया।
विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि बाद में वे फिर से उसी पद पर लौट आए। मामला अब भी अदालत में लंबित है और वह जमानत पर बाहर हैं।
राजनीति में बच्चा राय की एंट्री
बच्चा राय पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से जुड़े हुए थे और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे। बताया जाता है कि उन्हें पार्टी में वैशाली जिले की जिम्मेदारी दी गई थी और तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव भी उनके आयोजनों में शामिल होते थे।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी पत्नी को टिकट दिलाने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। अब उन्होंने राजद छोड़कर AIMIM का दामन थाम लिया है।
महुआ सीट पर सीधी टक्कर: AIMIM बनाम JJD
महुआ विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। तेज प्रताप यादव, जिन्हें राजद से निष्कासित कर दिया गया था, अब अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) से इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसे में AIMIM द्वारा बच्चा राय को टिकट देने से चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बच्चा राय के मैदान में आने से तेज प्रताप यादव के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है और यह सीट अब त्रिकोणीय मुकाबले की ओर बढ़ रही है।


