मिर्च की बुआई जल्द करने की अपील, किसानों को मिला तकनीकी मार्गदर्शन
पटना, 28 सितंबर।बिहार सरकार का कृषि विभाग किसानों को समय-समय पर फसल प्रबंधन को लेकर सलाह देता है ताकि उत्पादन बेहतर हो और किसान नुकसान से बच सकें। सितंबर माह में विभाग ने धान की फसल को लेकर विशेष सलाह जारी की है। इसमें किसानों को खैरा रोग और गंधी कीट के प्रकोप से बचाव के उपाय बताए गए हैं। इसके अलावा विभाग ने किसानों से कहा है कि वे जल्द से जल्द मिर्च की बुआई कर लें, जिससे बेहतर पैदावार और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित हो सके।
धान में खैरा रोग से बचाव
- प्रति हेक्टेयर 5 किलो जिंक सल्फेट और 2.5 किलो बुझा हुआ चूना मिलाकर छिड़काव करें।
- छिड़काव के लिए औसतन 500 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर का प्रयोग करें।
गंधी कीट से बचाव
- मिथाइल पैराथियान (2%) या मालाथियान (5%) का 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें।
- यह भुरकाव सुबह के समय करना प्रभावी रहेगा।
- साथ ही, खेत में 5 सेंटीमीटर पानी का स्तर बनाए रखना जरूरी है।
मिर्च की बुआई में देरी न करें
कृषि विभाग ने बताया कि सितंबर माह में मिर्च की समय पर बुआई करने से उत्पादन और पौधों की गुणवत्ता दोनों बेहतर रहती है। देर करने पर फसल कमजोर पड़ सकती है और उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
किसानों के लिए डिजिटल मदद – बिहार कृषि ऐप
कृषि विभाग ने किसानों को तकनीकी सहायता देने के लिए बिहार कृषि ऐप भी लॉन्च किया है।
- इस ऐप पर किसानों को फसल प्रबंधन, सरकारी योजनाएं, बाजार भाव और तकनीकी सलाह एक ही जगह पर उपलब्ध हो रही हैं।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में इसका लोकार्पण किया था।
- यह ऐप एकीकृत योजना पोर्टल की तरह काम करता है जहां किसान योजनाओं में आवेदन कर सकते हैं और अनुदान की स्थिति, स्वीकृति और भुगतान की वास्तविक जानकारी तुरंत पा सकते हैं।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि विभाग की इस सलाह को अपनाकर किसान अपनी धान और मिर्च की फसल दोनों में बेहतर पैदावार हासिल कर सकेंगे।


