“बिहार में 33 राजपूत विधायक जीतकर पहुंचे, लेकिन डेहरी फिर अपवाद—35 साल में एक भी राजपूत उम्मीदवार नहीं जीत सका”

रोहतास: बिहार की राजनीति में राजपूत समाज का योगदान हमेशा प्रभावशाली रहा है। 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए से 33 राजपूत विधायक चुनकर आए हैं, जबकि महागठबंधन एक भी राजपूत उम्मीदवार को जीत दिलाने में असफल रहा। इसके बावजूद रोहतास जिले की डेहरी विधानसभा इस प्रभाव से बिल्कुल अलग नजर आती है। यहाँ राजपूत मतदाताओं की निर्णायक संख्या होते हुए भी राजपूत उम्मीदवारों को आज तक जीत नसीब नहीं हुई। यही वजह है कि डेहरी सीट को बिहार की राजनीति का अनोखा अपवाद माना जाता है।


डेहरी सीट का अनोखा चुनावी इतिहास

डेहरी विधानसभा में लगभग 37 हजार क्षत्रिय, 44 हजार वैश्य और 40 हजार यादव मतदाता हैं। जातीय समीकरणों के बावजूद यहाँ राजपूत उम्मीदवारों को जनता ने बार-बार नकारा है।

1990 से अब तक चार प्रमुख चुनावों में राजपूत प्रत्याशियों को हार मिली:

  • 1990: BJP के विनोद कुमार सिंह को RJD के मोहम्मद इलियास हुसैन ने हराया
  • 1995: विनोद कुमार सिंह फिर हारे, जीत इलियास हुसैन की
  • 2000: BJP के गोपाल नारायण सिंह को भी इलियास हुसैन ने पराजित किया
  • 2010: BJP के अवधेश नारायण सिंह तीसरे स्थान पर रहे, निर्दलीय ज्योति रश्मि विजयी रहीं

बिहार में जहाँ जातीय गोलबंदी आमतौर पर चुनावी नतीजों को निर्धारित करती है, वहीं डेहरी की जनता का यह पैटर्न राजनीतिक विश्लेषकों के लिए हमेशा रहस्य बना रहा है।


लगातार हार के बावजूद राजनीतिक दल क्यों लगाते हैं दाँव?

लगातार हार के बावजूद, राजनीतिक दल इस सीट पर राजपूत उम्मीदवार उतारने से पीछे नहीं हटते। इसका कारण केवल हार-जीत नहीं, बल्कि इस वर्ग का प्रदेशव्यापी मजबूत वोट बैंक है। दल हमेशा उम्मीद रखते हैं कि इस बार समीकरण बदल सकता है—लेकिन डेहरी के स्थानीय मतदाता हर बार उनका आकलन गलत साबित कर देते हैं।


2025 चुनाव: राजीव रंजन सिंह ने दर्ज की बड़ी जीत

2025 में डेहरी में मुकाबला रहा:

  • लोजपा (रा.वि.) — राजीव रंजन सिंह
  • राजद — गुड्डू कुमार चंद्रवंशी

राजीव रंजन सिंह ने निर्णायक जीत हासिल की।
राजद उम्मीदवार को 68,054 वोट मिले, जबकि राजीव रंजन सिंह ने 1,04,022 वोट प्राप्त किए।

यह अंतर दर्शाता है कि डेहरी के मतदाता इस चुनाव में लोजपा उम्मीदवार के पक्ष में मजबूती से एकजुट हुए।
हालाँकि राजद के वोट 2020 की तुलना में बढ़े, लेकिन वह लोजपा की लहर के सामने फीके पड़ गए।


अन्य उम्मीदवारों का प्रदर्शन

  • प्रदीप कुमार जोशी (राष्ट्र सेवा दल): 9,070 वोट (तीसरा स्थान)
  • सोना देवी (बसपा): 6,027 वोट

छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसका थोड़ा असर मुख्य मुकाबले पर भी पड़ा।


 

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