
भागलपुर, 24 मई 2025 – “बिहार देश का पहला राज्य है, जहां जीविका दीदियों का अपना बैंक स्थापित हुआ है। अब उन्हें आर्थिक सहायता के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।” यह बातें बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार ने आज भागलपुर के खरीक प्रखंड में सक्षम जीविका महिला ग्राम संगठन द्वारा आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में कहीं।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच के कारण बिहार की महिलाएं आज सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनकर उभरी हैं। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में अब तक 10 लाख 36 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। पहले जहां महिलाएं घर से बाहर निकलने में संकोच करती थीं, आज वही महिलाएं उद्यमिता, नेतृत्व और सरकारी कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
जीविका दीदियों को मिलेगा सहकारी बैंक और रोजगार के नए अवसर
ग्रामीण विकास मंत्री ने हाल में लिए गए दो अहम निर्णयों की जानकारी दी:
- जीविका निधि के रूप में एक अलग सहकारी बैंक की स्थापना।
- प्रखंड सह अंचल कार्यालयों की सफाई व्यवस्था का दायित्व जीविका दीदियों को सौंपा जाना।
इन निर्णयों से न केवल दीदियों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी, बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
दीदियों की सफलता की कहानियां बनी प्रेरणा स्रोत
इस संवाद कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं ने सरकार की योजनाओं से हुए बदलाव को साझा किया।
अंजना कुमारी ने बताया कि उन्होंने समूह से ऋण लेकर मसाला और खाद्य प्रसंस्करण का व्यवसाय शुरू किया है और अब प्रति माह 12-15 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं।
वहीं, कृष्णा भारती जो पहले जीविका में सामुदायिक उत्प्रेरक थीं, अब गृह रक्षा वाहिनी में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि महिला आरक्षण नीतियों के चलते उन्हें यह अवसर मिला।
35वें दिन भी जारी रहा संवाद कार्यक्रम
खरीक प्रखंड में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। जिले में आज 30 विभिन्न स्थानों पर महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिनमें पुरुषों की भागीदारी भी सराहनीय रही।
बिहार सरकार की यह पहल ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम के रूप में उभर रही है।