PatnaTrending

आरक्षण का दायरे बढ़ाने पर राज्यपाल से हाथ जोड़ निवेदन , CM नीतीश बोले … जल्द से हस्ताक्षर कर देते हैं तो अच्छा होता

बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से आरक्षण संशोधन बिल पारित हो गया है। अब इस बिल को राजभवन भेज दिया गया है। राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद कानून बन जाएगा और राज्य में लागू भी हो जाएगा। लेकिन, सूबे में आरक्षण का दायरा बढ़ने से पहले सियासी चर्चा शुरू हो गई है। सवाल ये है कि क्या राज्यपाल इस बिल पर इतनी आसानी से हस्ताक्षर कर देंगे? या इसे लागू होने में लंबा समय लग जाएगा ?

दरअसल, बापू सभागार में बुधवार को उद्योग विभाग की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें सीएम नीतीश भी शामिल हुए ‘थे। कार्यक्रम को संबोधित करते नीतीश ने कहा कि आरक्षण संशोधन बिल जल्दी से लागू हो जाएगा तो अच्छा है। लेकिन, वो भी इस मामले में खुल कर कुछ नहीं बोलना चाह रहे हैं इसकी वजह यह है की नीतीश कुमार भी यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि, यह बिल तभी लागू होगा जब इस पर राज्यपाल खुद अपनी मर्जी से हस्ताक्षर कर देंगे। हालांकि, अमु,अमूमन राजभवन के मामले पर खामोश रहने वाले सीएम नीतीश ने पहली बार पब्लिकली इसका जिक्र किया है।

इसका एक उदाहरण देते हुए यह कहा कि, बुधवार को उद्योग विभाग की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें सीएम नीतीश भी शामिल हुए थे। कार्यक्रम को संबोधित करते नीतीश ने कहा कि आरक्षण संशोधन बिल को राजभवन भेज दिया है, लेकिन राज्यपाल दिल्ली गए थे।उन्होंने कहा कि मुझे अखबार के माध्यम से पता चला है कि वे आ गए हैं। अब आ गए हैं तो इस पर दस्तखत भी जल्दी कर देंगे। जिस दिन राज्यपाल साइन करेंगे, उसी दिन नया आरक्षण नियम लागू हो जाएगा। सीएम ने आगे कहा कि आज तक जो भी बिल राजभवन गया है, उस पर साइन हुआ अभी है। हम कुछ नहीं कहेंगे। नहीं तो यही चर्चा का विषय बन जाएगा।

मालुम हो कि, कीसी बिल को रोकने का अधिकार राजभवन के पास होता है। ये सीधे-सीधे राजनीति केंद्रीत बिल है। ऐसे में राजभवन निर्णय लेने से पहले केंद्र से चर्चा करेंगा। केंद्र को लगेगा कि इस बिल को रोकने से आगामी लोकसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है तो वे तुरंत साइन करने का निर्देश दे सकते हैं। राज्य में आरक्षण का दायरा अगर 50 फीसदी से आगे जाता है तो इसमें केंद्र की सहमति जरूरी होती है।

उधर,राष्ट्रपति के पास बिल भेजकर सहमति ले सकते हैं राज्यपाल के पास एक विकल्प ये है कि वे बिल पर अपनी फाइनल मुहर लगाने से पहले राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं। राष्ट्रपति से इसके पॉजिटिव और निगेटिव साइड पर विमर्श करने के बाद इस पर अपना निर्णय ले सकते हैं। लेकि, जिस तरह से बिहार भाजपा के नेता इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, ऐसे में इस बिल को अधिक दिन तक लटका कर रखने का कोई भी संभावना नजर नहीं आता है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास