राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने परचम लहरा दिया है। इस बीच अब सवाल है कि इन राज्यों में भाजपा किसे मुख्यमंत्री तैनात करेगी। ऐसे में अब मुख्यमंत्रियों के चयन पर सस्पेंस के बीच गुरुवार को संसद भवन परिसर के बालयोगी सभागार में भाजपा संसदीय दल की बैठक होगी। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिवों की पार्टी मुख्यालय में एक बैठक हो चुकी है।
मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय महासचिवों की पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक लगभग तीन घंटे तक चली। इस बैठक में तेलंगाना में 2018 के मुकाबले पार्टी का वोट प्रतिशत दोगुना होने पर थोड़ी संतुष्टि व्यक्त की गई। लेकिन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में जीत पर संतोष व्यक्त करने के साथ ही अपेक्षा के अनुरूप मत प्रतिशत नहीं मिलने का भी जिक्र किया गया। इसके साथ ही इस बैठक में तीन राज्यों में सीएम बनाने को लेकर भी बातचीत की गयी है।
दरअसल, एमपी में भाजपा ने 230 में से 163 सीटें जीती हैं। इस बीच अगले मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं तेज हैं। वहीं, शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी, मैं वो स्वीकार करूंगा। भाजपा के अंदुरुनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार एमपी में सीएम बनाने को लेकर जिन नामों की चर्चा है उसके अनुसार रेस में शिवराज सिंह चौहान के आलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद सिंह पटेल के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हैं। हालांकि, अधिक उम्मीद है की पार्टी यहां एक बार फिर शविराज पर भी भरोसा करेगी।
वहीं, राजस्थान में भाजपा ने 115 सीटें जीती हैं। यहां 199 सीटों पर चुनाव हुआ था। जीत के बाद नए मुख्यमंत्री का फैसला करने के लिए जयपुर और दिल्ली में गहन चर्चा हो रही है। इस रेस में वसुंधरा राजे, दीया कुमारी समेत भाजपा के कई नेता शामिल हैं।कुछ लोगों ने यहां महंत बालकनाथ के नाम की भी चर्चा की है। लेकिन, पार्टी सूत्रों के अनुसार केंद्र अभी उन्हें और तैयार करना चाहता है लिहाजा उनके नाम पर अधिक सहमति नहीं दिख रही है। लेकिन, वसुंधरा राजे को दिल्ली बुलाया गया है तो शायद कुछ अलग समीकरण तैयार हो।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ को देखें तो यहां पांच साल पहले कांग्रेस का सफाया देखा था और यह चुनाव भीबदलाव का गवाह बना। भाजपा 90 में से 54 सीटें जीतकर सत्ता में लौट आई और सबसे पुरानी पार्टी 35 पर सिमट गई। इसके बाद यहां सीएम के लिए जिन नाम की चर्चा है उसमें शीर्ष पद के लिए रमन सिंह, अरुण साव, ओपी चौधरी और गोमती साई सहित कई नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी यहां अरुण साव या ओपी चौधरी पर भरोसा दिखा सकती है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.