बिहार में सरकार किसी की भी हो, लेकिन मोकामा में राज तो हमेशा से अनंत सिंह का रहा है. वहां किसी पार्टी का सिंबल काम नहीं आता, बस अनंत सिंह के नाम से काम हो जाता है. लोग उन्हें छोटे सरकार कहकर भी बुलाते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से अनंत सिंह को झुककर प्रणाम करने की तस्वीर सोशल मीडिया पर आज भी खूब वायरल होती है. इसी से आप उनकी सियासी ताकत को आंक सकते हैं. ऐसी शख्सियत पर अगर कोई गोली चला दे तो इसे हलके में तो नहीं लिया जा सकता. दरअसल, बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह पर बुधवार (22 जनवरी) को जानलेवा हमला हुआ. बताया जा रहा है कि उनके काफिले पर करीब 50 से 60 राउंड फायरिंग की. गनीमत ये है कि पूर्व विधायक इसमें पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
इस घटना ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया है. बताया जा रहा है कि सोनू-मोनू गैंग ने पूर्व विधायक पर हमला किया है. जानकारी के मुताबिक, अनंत सिंह बुधवार शाम को मोकामा में एक विवाद को लेकर पंचायती करने पहुंचे थे. इसी दौरान सोनू-मोनू गैंग ने उन पर हमला कर दिया. घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. बता दें कि सोनू मोनू सगे भाई हैं और मोकामा के ही जलालपुर गांव के निवासी हैं. शुरुआती दौर में दोनों अनंत सिंह के लिए काम करते थे, लेकिन अब उनके बीच अदावत है.
जानकारी के मुताबिक, सोनू-मोनू ने साल 2009 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. ट्रेन में लूटपाट से अपराध जगत में कदम रखने वाले दोनों भाइयों ने अनंत सिंह के लिए काम करना शुरू कर दिया. छोटे सरकार के साथी होने के कारण पुलिस-प्रशासन भी उनके आगे नतमस्तक रहा. अनंत सिंह के जेल जाने के बाद दोनों भाइयों ने अपनी गैंग बना ली. बताया ये भी जाता है कि यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी से इनके संबंध थे. मुख्तार अंसारी का साथ मिलने के कारण दोनों सरकारी अधिकारियों को धमकाने लगे और पैसे ऐंठने लगे थे. अब अनंत सिंह जेल से बाहर आ चुके हैं तो ऐसे में दोनों भाई उनसे खतरा महसूस कर रहे हैं. यह जानलेवा हमला उनको रास्ते से हटाने के लिए किया गया था. अगर पुलिस-प्रशासन ने तुरंत बड़ा एक्शन नहीं लिया तो मोकामा में फिर से गैंगवार देखने को मिल सकता है.
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