- गंभीर भूजल संकट का सामना करने वाले दक्षिण बिहार में तेजी से सुधर रहा है भूजल का स्तर
- वर्ष 2023-24 में स्वीकृत कुल 2377 में से 2266 योजनाएं पूर्ण
- इस अभियान को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल चुके हैं कई पुरस्कार
पटना, 07 मई।वर्ष 2019 के जलसंकट के बाद माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार के सभी 38 जिलों में भूजल को संरक्षित करने और बारिश के पानी को संग्रहित कर उसका इस्तेमाल सिंचाई के साथ-साथ दैनिक कार्यों में किए जाने का जो अभियान शुरू किया था, अब उसके सुखद परिणाम सामने आ चुके हैं। भूजल संकट का सामना करने वाले राज्य के जमुई और गया की पहाड़ियों और जंगलों में एकबार फिर से हरियाली लौट आई है। साथ ही, हर साल गंभीर जलसंकट का सामना करने वाले दक्षिण बिहार के सभी जिलों में भूजल का स्तर बेहतर हुआ है।
यह स्वर जल-जीवन-हरियाली दिवस के मौके पर बुधवार को जल भवन में लघु जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में निकलकर आए हैं। परिचर्चा का विषय था सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार एवं छोटी-छोटी नदियों, नालों और पहाड़ी क्षेत्रों में चेक डैम का निर्माण।
इस परिचर्चा में राज्य सरकार के 15 विभागों के अधिकारी के साथ विशेष आमंत्रण पर केंद्रीय भूगर्भ जल बोर्ड पटना के अधिकारियों ने भी शिरकत की।
परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए जल-जीवन-हरियाली मिशन की निदेशक प्रतिभा रानी ने कहा कि इस मिशन में शामिल सभी विभागों ने काफी अच्छा काम किया है। इस अभियान को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी मिले हैं।
लघु जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख सुनील कुमार ने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान
एवं हर खेत तक सिंचाई का पानी
के तहत कई कार्य कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2023-24 तक स्वीकृत कुल 2377 योजनाओं में से 2266 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इनसे 2,37,473 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई क्षमता और 992 लाख घनमीटर जल संचयन क्षमता पुनर्स्थापित की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 139 योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इनसे 25,822 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता और जल संचयन क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय भूगर्भ जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक राजीव रंजन शुक्ला, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक शशिशेखर मंडल, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की उप निदेशक नीना झा और भवन निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद चौधरी ने भी इस अवसर पर जल-जीवन-हरियाली अभियान से जुड़ी अपने-अपने विभागों की उपलब्धियों की चर्चा की।