
राज्य में 4,316 क्रियाशील पैक्स सीएससी के माध्यम से ग्रामीणों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ रहे हैं
पटना, 26 मई 2025 | बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। राज्य के 4,316 पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) सफलतापूर्वक क्रियाशील हो चुके हैं। इन केंद्रों के माध्यम से अब तक 4.5 करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय हो चुका है और ग्रामीणों को 300 से अधिक डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
ग्रामीणों की ज़िंदगी को आसान बना रहे हैं पैक्स CSC
कॉमन सर्विस सेंटरों से रेल-बस टिकट बुकिंग, आयुष्मान कार्ड, पैन कार्ड, आधार सेवाएं, बैंकिंग, बीमा, कृषि संबंधित सेवाएं और आरटीपीएस सेवाएं जैसी सुविधाएं अब ग्रामीणों को उनके गांव में ही मिल रही हैं।
सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा:
“यह राज्य के लिए गर्व की बात है। पैक्सों के सीएससी के माध्यम से ग्रामीणों की जिंदगी में एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है।”
CSC स्थापना को लेकर हुई समीक्षा बैठक
आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में निबंधक, सहयोग समितियाँ श्रीमती इनायत खान ने सभी जिलों के सहकारिता पदाधिकारियों एवं CSC जिला प्रबंधकों से पैक्सों में सीएससी की स्थिति की समीक्षा की।
बैठक में यह सामने आया कि शेखपुरा, कैमूर, मधेपुरा और सुपौल जैसे जिलों में 90% से अधिक पैक्सों में CSC आईडी क्रियाशील हो चुकी हैं, जबकि मुंगेर, बक्सर, गोपालगंज, औरंगाबाद और लखीसराय में प्रगति अपेक्षाकृत धीमी है। इन जिलों के पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सभी पैक्सों को शीघ्र ही क्रियाशील बनाया जाए।
पैक्स कम्प्यूटरीकरण योजना से मिल रही रफ्तार
राज्य में अब तक 4,477 पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण हो चुका है और 5,987 पैक्सों की CSC आईडी बनाई जा चुकी है। कम्प्यूटरीकरण योजना के तहत पैक्सों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है ताकि डिजिटल सेवाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित की जा सके।