पटना। ज्वेलरी की खरीदारी अब पहले से कहीं आसान और सुविधाजनक हो गई है। बिहार के हाजीपुर निवासी अमन रंजन ने ‘वैशन्स’ नामक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है, जो ग्राहकों को घर बैठे गहनों की वर्चुअल ट्रायल के साथ खरीदारी की सुविधा प्रदान करता है।
स्टार्टअप बिहार नीति के तहत अमन रंजन को 10 लाख रुपये का अनुदान भी मिला है। यह सॉफ्टवेयर ऑनलाइन शॉपिंग में वर्चुअल ट्रायल रूम अनुभव देता है, जिससे ग्राहक रिंग, नेकलेस और अन्य आभूषण घर बैठे ट्राई कर सकते हैं। इसके माध्यम से ग्राहक अपने लुक को लाइव देख सकेंगे और खरीदारी को लेकर दुविधा कम होगी।
अमन रंजन ने बताया कि उनका स्टार्टअप न सिर्फ भारत, बल्कि अब दुबई (यूएई मार्केट) में भी कदम रख चुका है।
तकनीक और कौशल विकास को बढ़ावा देने वाली ‘अंकुराम रोबो’
डॉ. साधना कुमारी ने तकनीक आधारित स्टार्टअप ‘अंकुराम रोबो’ की शुरुआत की है, जो रोबोटिक्स और 3डी प्रिंटिंग में विशेषज्ञता रखता है। यह स्टार्टअप खासतौर पर महिलाओं और युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर रोजगार व उद्यमिता के लिए तैयार करता है। साथ ही मोबाइल की लत को कम करने के लिए इको-फ्रेंडली शैक्षणिक खिलौने व पज़ल्स भी बना रहा है। इन्हें भी स्टार्टअप बिहार के तहत 10 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में नवाचार : पायथॉक्स मोटर्स
तीन इंजीनियरों आलोक रंजन, भारत कुमार पालीवाल और कुणाल कुमार की टीम ने पायथॉक्स मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की है। यह कंपनी इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, इलेक्ट्रिक एंबुलेंस और इलेक्ट्रिक फिश-कार्ट जैसे पर्यावरण अनुकूल वाहनों का निर्माण करती है। सरकार की तरफ से इन्हें 25 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है।
स्टार्टअप बिहार से बदल रहा राज्य का उद्यमिता परिदृश्य
बिहार में स्टार्टअप नीति के तहत अब तक 1522 स्टार्टअप पंजीकृत किए गए हैं। अब तक स्टार्टअप्स को 62.50 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों और त्वरण सहायता के लिए 13.30 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी गई है।
स्टार्टअप बिहार का उद्देश्य एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो युवाओं, महिलाओं और पारंपरिक रूप से उपेक्षित समुदायों को तकनीक और उद्यमिता के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाए।