भागलपुर | गोराडीह, 2 जून 2025: भागलपुर जिले के गोराडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत पिथना गांव के पास सोमवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। इस दर्दनाक दुर्घटना में मोटरसाइकिल सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक 16 वर्षीय शहीदुर रहमान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा युवक मोहम्मद आमिर की हालत गंभीर बनी हुई है।
बकरीद की छुट्टियों में गांव लौटा था शहीदुर, क्रिकेट में था बेहद प्रतिभाशाली
शहीदुर रहमान, पिथना गांव निवासी मुजीबुर रहमान और रुहाना खातून का पुत्र था। वह पटना में रहकर 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। शहीदुर एक उभरता हुआ क्रिकेट खिलाड़ी था, जो कई स्थानीय और क्षेत्रीय टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेता था। इस बार वह बकरीद की छुट्टियों में गांव आया हुआ था और रविवार को अपने दोस्त मोहम्मद आमिर के साथ सुल्तानगंज स्थित वाटर पार्क घूमने के लिए निकला था।
तेज रफ्तार में थी ट्रक और बाइक, नहीं बचा शहीदुर
प्रत्यक्षदर्शी रिजवान के अनुसार, एक ट्रक तेज रफ्तार में सामने से आ रही थी और उसी दिशा से शहीदुर और आमिर की बाइक भी तेज गति में थी। ट्रक साइड देने की कोशिश कर ही रहा था कि बाइक असंतुलित होकर सड़क किनारे गड्ढे में जा गिरी। बाइक गिरते ही शहीदुर के सिर में गंभीर चोट लगी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। आमिर को भी गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें सिर, पीठ और चेहरे पर गहरे जख्म शामिल हैं।
पुलिस ने शव को लिया कब्जे में, आमिर का अस्पताल में इलाज जारी
घटना की सूचना मिलते ही गोराडीह थाना की पुलिस और 112 नंबर की एंबुलेंस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शहीदुर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (JLNMCH) भेजा। आमिर को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को बेहद नाजुक बताया है।
क्षेत्र में छाया मातम, ग्रामीणों और दोस्तों में शोक की लहर
शहीदुर की असामयिक मौत की खबर जैसे ही गांव और आस-पास के क्षेत्रों में फैली, शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों और उसके दोस्तों ने बताया कि शहीदुर न केवल पढ़ाई में होशियार था, बल्कि खेलों, विशेषकर क्रिकेट में भी बेहद प्रतिभाशाली था। वह अपने व्यवहार, मेहनत और लगन के कारण युवाओं में लोकप्रिय था।
सवाल उठते हैं: क्या तेज रफ्तार और लापरवाही ही लीलती रहेगी युवा ज़िंदगियाँ?
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहीदुर जैसे होनहार युवक की मौत न केवल उसके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।