पीएम मोदी को उड़ाने की धमकी से मचा हड़कंप, जांच में चौंकाने वाला सच आया सामने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित पटना यात्रा से पहले सुरक्षा एजेंसियों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब कई पुलिस अधिकारियों को एक संदिग्ध नंबर से धमकी भरे मैसेज मिले, जिनमें प्रधानमंत्री को उड़ाने की बात कही गई थी।
इस मैसेज में लिखा था कि पीएम को जान से मार दिया जाएगा और पटना में बम प्लांट किया जाएगा। जैसे ही यह जानकारी सामने आई, पुलिस और खुफिया एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं।
संदिग्ध नंबर की जांच, बुजुर्ग निकले मालिक
पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बाद जब धमकी भेजने वाले मोबाइल नंबर को ट्रेस किया गया, तो वह सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के महेशी गांव के बुजुर्ग मंटू चौधरी के नाम पर रजिस्टर्ड पाया गया। बुजुर्ग को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने बताया कि वे तो केवल कीपैड वाला साधारण मोबाइल ही इस्तेमाल करते हैं और उन्हें व्हाट्सएप चलाना तक नहीं आता।
भतीजे ने जमीन विवाद में फंसाने के लिए भेजे धमकी भरे मैसेज
पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। दरअसल, बुजुर्ग के ही भतीजे समीर कुमार रंजन ने तीन बीघा जमीन के विवाद में अपने चाचा को फंसाने के लिए यह साजिश रची थी। उसने चाचा के नाम रजिस्टर्ड नंबर पर व्हाट्सएप एक्टिवेट किया और उसी से एसएसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों को धमकी भरे मैसेज भेज दिए।
बम प्लांट की झूठी सूचना भी फैलाई थी
पुलिस की साइबर जांच में यह भी सामने आया कि समीर ने इससे पहले प्रधानमंत्री के भागलपुर दौरे के दौरान हवाई अड्डे पर बम प्लांट किए जाने की झूठी सूचना भी फैलाई थी। उसने अपने मोबाइल में वीपीएन (VPN) का इस्तेमाल कर पहचान छिपाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने तकनीकी जांच के जरिए आरोपी तक पहुंच बना ली।
फिंगरप्रिंट से खुला मोबाइल, साजिश का पर्दाफाश
जांच में पता चला कि जिस मोबाइल से धमकी भेजी गई थी वह आरोपी के फिंगरप्रिंट से ही लॉक/अनलॉक होता था। यही नहीं, व्हाट्सएप और अन्य ऐप्स की लॉग इन जानकारी भी उसी के कब्जे में पाई गई। पुलिस ने मोबाइल जब्त कर लिया है और फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया जारी है।
एसएसपी ने दी जानकारी
भागलपुर एसएसपी हृदय कांत ने बताया कि,
“पीएम को उड़ाने की धमकी भरा मैसेज मिलने के बाद पुलिस की टीम गठित की गई थी। जांच में स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने अपने ही चाचा को फंसाने के लिए यह साजिश रची थी। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।”
एसएसपी द्वारा गठित विशेष टीम में डीआईयू प्रभारी रंजीत कुमार, सुल्तानगंज थानेदार मृत्युंजय कुमार और इंस्पेक्टर परमेश्वर सहनी सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।
एक तरफ जहां देश की सुरक्षा एजेंसियां प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरततीं, वहीं ऐसे फर्जी अलर्ट और धमकी भरे मैसेज न केवल संसाधनों की बर्बादी करते हैं बल्कि गंभीर अपराध की श्रेणी में भी आते हैं। आरोपी के खिलाफ देशद्रोह और आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।