भागलपुर कोर्ट के मलखाना शिफ्टिंग का काम एक बार फिर रुक गया। शिफ्टिंग प्रक्रिया के दौरान सीजीएम पप्पू कुमार राय ने मौके पर पहुँचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और बदइंतज़ामी देखकर अधिकारियों की कड़ी क्लास लगा दी। पुराने मलखाना की चाभी नहीं मिलना और नए मलखाना स्थल पर अधूरी तैयारी इस रोक का मुख्य कारण बना।
शिफ्टिंग के लिए निर्धारित नए भवन में दीवारों पर पानी का रिसाव, आग से सुरक्षा के उपकरणों की कमी, ग़लत और जोखिमपूर्ण वायरिंग, और समुचित सुरक्षा इंतज़ाम का अभाव साफ दिखा। सीजीएम ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि मलखाना जैसे संवेदनशील स्थान को बिना पूरी तैयारी के शिफ्ट करना बेहद लापरवाही है।
निरीक्षण के बाद उन्होंने तुरंत आदेश दिया कि शिफ्टिंग कार्य रोक दिया जाए और सभी कमियों को प्राथमिकता के साथ दूर किया जाए।
कार्रवाई के दौरान सीजीएम ने मलखाना शिफ्टिंग के नोडल पदाधिकारी और भागलपुर के एसडीओ विकास कुमार, बिल्डिंग विभाग के एसडीओ, दंडाधिकारी सह जगदीशपुर के अंचलाधिकारी और अन्य तैनात अधिकारियों को सख्त फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही न्याय व्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित करती है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह चौथी बार है जब मलखाना शिफ्टिंग की तैयारी अधूरी होने के कारण प्रक्रिया रोक दी गई है। कोर्ट के आदेश के बावजूद लगातार तैयारियों में लापरवाही सामने आ रही है।
पुराना मलखाना वर्ष 1980 से बंद पड़ा है और इसमें कई कीमती व जब्त सामान होने की आशंका है। सुरक्षा कारणों से इसे नए भवन में स्थानांतरित किया जाना आवश्यक माना जा रहा था। शनिवार को दंडाधिकारी के नेतृत्व में भारी पुलिसबल और अधिकारियों की तैनाती की गई थी, लेकिन अव्यवस्था के कारण पूरी प्रक्रिया फिर अधर में अटक गई।
अब विभागीय कार्रवाई और सुधार के बाद ही मलखाना शिफ्टिंग की नई तारीख तय की जाएगी। न्यायिक अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना मानक सुरक्षा व्यवस्था और पूरी तैयारी के शिफ्टिंग आगे नहीं बढ़ेगी।


