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पटना, 5 जुलाई 2025:राजधानी पटना में बीती रात उस वक्त सनसनी फैल गई जब गांधी मैदान थाना से महज कुछ ही दूरी पर बिहार के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। शहर के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में हुई इस घटना ने राज्य में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना के बाद से ही बिहार की सियासत गर्म है। विपक्ष जहां इसे ‘जंगलराज’ का प्रतीक बता रहा है, वहीं सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

शनिवार को उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा मृतक व्यवसायी गोपाल खेमका के परिजनों से मिलने पहुंचे। शोकाकुल मां ने हाथ जोड़कर उप मुख्यमंत्री से कहा – “पहले पोता गया, अब बेटा भी चला गया… हमारी रक्षा कीजिए।”

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उप मुख्यमंत्री का बयान:
पत्रकारों से बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद दुखद और गंभीर मामला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं इसका संज्ञान लिया है और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अपराधियों की पहचान हो चुकी है और उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस की लापरवाही पर सख्त रुख:
विजय सिन्हा ने घटना स्थल से महज 300-400 मीटर की दूरी पर मौजूद थाना के बावजूद पुलिस के एक घंटे से अधिक देरी से पहुंचने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजधानी जैसे शहर में भी पुलिस का रवैया इतना लापरवाह है। ऐसे पुलिसकर्मियों की पहचान की जा रही है और उन्हें हटाया जाएगा।”

संदेश साफ:
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि न केवल अपराधियों पर बल्कि कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

गोपाल खेमका की हत्या ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर नई बहस छेड़ दी है, जिसका राजनीतिक असर आगामी दिनों में और गहराने की आशंका है।