बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में बढ़े हुए मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक हलकों में नई हलचल पैदा कर दी है। 121 सीटों पर हुई वोटिंग के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि बढ़े हुए मतदान का फायदा किस राजनीतिक दल को मिलेगा। इस माहौल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को पटना स्थित बीजेपी कार्यालय पहुंचे, जहाँ वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी रणनीतिक बैठक हुई।
बीजेपी कार्यालय में अमित शाह की मौजूदगी से बढ़ी हलचल
अमित शाह की पटना आगमन के दौरान:
- बिहार बीजेपी चुनाव प्रभारी
- प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल
- और पार्टी के कई वरिष्ठ रणनीतिकार
कार्यालय में मौजूद रहे।
शाह ने पहले चरण के मतदान पैटर्न, बूथ फीडबैक और क्षेत्रीय रिपोर्ट्स का बारीकी से विश्लेषण किया।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में यह समझने की कोशिश की गई कि—
- किन सीटों पर मतदान प्रतिशत असामान्य रूप से बढ़ा
- किस क्षेत्र में एनडीए को बढ़त का अनुमान है
- और किन इलाकों में दूसरे चरण से पहले रणनीति बदलनी होगी
पहले चरण की वोटिंग पर अमित शाह ने लिया विस्तृत फीडबैक
बीजेपी नेताओं ने गृह मंत्री को बताया कि:
- ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान काफी उत्साहपूर्ण रहा
- महिलाओं और युवाओं की भागीदारी में इस बार खासी बढ़ोतरी देखी गई
- कुछ इलाकों में कम मतदान की भरपाई दूसरे चरण में की जा सकती है
अमित शाह ने नेताओं को निर्देश दिया कि जनता से सीधा संवाद बढ़ाया जाए और शेष चरण में संगठित तरीके से वोटरों को बूथ तक लाया जाए।
11 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग, अब रणनीति और आक्रामक
पहले चरण की वोटिंग के बाद अब पूरा फोकस 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान पर है।
बीजेपी चाहती है कि बढ़ी हुई वोटिंग का रुझान उसके पक्ष में जाए और उन सीटों पर पकड़ मजबूत की जाए जहाँ मुकाबला कड़ा है।
चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि दूसरे चरण में:
- एनडीए
- महागठबंधन
- जनसुराज और अन्य क्षेत्रीय दल
सभी पूरी ताकत झोंकने वाले हैं।
बढ़ा मतदान क्यों बना चिंता और उत्साह का कारण?
पहले चरण में रिकॉर्ड वोटिंग के बाद:
- एनडीए इसे विकास कार्यों पर जनता की मुहर बता रहा
- महागठबंधन इसे बदलाव की लहर का इशारा मान रहा
लेकिन सच्चाई 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आएगी।
फिलहाल सभी दल बढ़े मतदान प्रतिशत को अपने पक्ष में साबित करने में जुटे हैं।


