पटना/ब्यूरो रिपोर्ट | 31 जुलाई 2025: बिहार में मानव तस्करी की जड़ें कितनी गहरी और खतरनाक हैं, इसका खुलासा तब हुआ जब हाल ही में पुलिस ऑपरेशन के दौरान छुड़ाई गई पीड़ित महिलाओं और युवाओं ने अपनी आपबीती सुनाई। कई महिलाओं ने बताया कि किस तरह उन्हें रोज़ 15-16 “कस्टमर” झेलने पड़ते थे। विरोध करने पर उन्हें बेरहमी से पीटा जाता था और गटर तक में छिपाया जाता था ताकि वे आज़ाद न हो सकें।
“तुम यहीं रहोगी… और यही काम करोगी”
एक युवती ने रोते हुए कहा —
“डेढ़-दो साल से हर दिन मेरे साथ हैवानियत होती रही। मना करने पर मारा जाता था। जो महिला इन सबका संचालन करती थी, कहती थी कि तुम यहां से कभी नहीं जा पाओगी।”
पीड़िता ने बताया कि जब पुलिस वहां छापा मारने पहुंची तो तस्कर उन्हें गटर में छिपाकर भाग निकले।
“एक दिन में 15-16 लोग मेरी आत्मा कुचलते थे”
एक अन्य पीड़िता ने कहा —
“मेरी नानी ने एक थप्पड़ मारा तो मैं गुस्से में घर से भाग गई। स्टेशन पर एक महिला मिली, उसने काम का लालच दिया और फिर मुझे बेच दिया। हर दिन 15-16 लोग आते थे, विरोध पर पीटा जाता था। आज भी शरीर पर चोट के निशान हैं।”
बंधुआ मजदूर भी बन रहे शिकार
केवल महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी मानव तस्करी का शिकार हो रहे हैं। एक युवक ने बताया कि उसे औरंगाबाद के एक ईंट-भट्ठे पर बंधुआ मजदूर बना दिया गया, जहां उससे दिन-रात काम करवाया गया और सिर्फ 200 रुपये हफ्ते में मिलते थे।
“जब मैं भागने की कोशिश करता था, तो भट्ठा मालिक ग्राउंड में बिजली का करंट दौड़ा देता था।” — पीड़ित युवक
डीजीपी विनय कुमार का बड़ा बयान:
“मानव तस्करी, नार्कोटिक्स के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अवैध व्यापार बन चुका है। यह न सिर्फ मानवाधिकार का उल्लंघन है, बल्कि एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट भी है।”
बुधवार को विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर पटना स्थित सरदार पटेल भवन में आयोजित कार्यक्रम में डीजीपी ने कहा —
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह अपराध हमारी प्राथमिकता सूची में उतना स्थान नहीं पा रहा, जितना इसे मिलना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि चीन और नेपाल के साथ मानव तस्करी नेटवर्क जुड़ा हुआ है, जहां भारत के बच्चों को बेचकर साइबर क्राइम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
पुलिस की अपील:
बिहार पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें कहीं संदिग्ध गतिविधियां, अवैध आवास, जबरन काम या लड़कियों/महिलाओं की कैद जैसी स्थिति दिखे, तो तुरंत स्थानीय थाने या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें।
यह रिपोर्ट मानव तस्करी के शिकार बने लोगों की सच्चाई को सामने लाने का एक प्रयास है। अगर आप भी किसी संदिग्ध गतिविधि के बारे में जानते हैं, तो आवाज़ उठाएं — शायद आपकी सतर्कता किसी को नरक से आज़ादी दिला दे।


