बिहार में जाति आधारित मतदाताओं को रिझाने का खेल शुरू; ‘अंबेडकर समागम’ की तैयारी में जुटी BJP

बिहार में जातीय गणना के बाद अब राजनीतिक दलों द्वारा जाति आधारित मतदाताओं को रिझाने की तैयारी शुरू हो गई. जेडीयू ने पिछले दिनों ‘भीम संवाद’ का आयोजन किया था तो अब बीजेपी 7 दिसंबर को ‘अंबेडकर समागम’ का आयोजन करने जा रही है. बीजेपी (BJP) के प्रवक्ता योगेंद्र पासवान कहते हैं कि बीजेपी भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस को लेकर पटना में ‘अंबेडकर समागम’ का आयोजन करने जा रही है.

इसमें सही अर्थों में वैसे ही लोग शामिल होंगे, जो बाबा साहब के अनुयायी हैं. आज दलितों के नाम पर और अंबेडकर के नाम पर राजनीति तो खूब हुई, लेकिन, सही अर्थों में अब अंबेडकर के सपनों को पूरा करने का कार्य हो रहा है.

जेडीयू अब अति पिछड़ों की बड़ी रैली करने जा रही है

वहीं, इससे पहले जेडीयू ने पटना में ‘भीम संसद’ का आयोजन किया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. इस कार्यक्रम की सफलता के बाद जेडीयू अब अति पिछड़ों की बड़ी रैली करने जा रही है. यह आयोजन 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर होगा. इसमें राज्यभर से अति पिछड़ा समाज के लोगों को एकजुट किया जाएगा.

कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अब अपने वोट बैंक को मजबूत करने में जुटे हैं या फिर विरोधियों के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में हैं. ऐसे में बीजेपी और जेडीयू दलित और पिछड़े समाज को साधने में जुटी है.

पिछड़ा और अति पिछड़ा पर है सभी की नजर

बता दें कि जाति आधारित गणना के बाद बिहार की पार्टियों की चुनावी तैयारी का मॉडल बदल गया है. पार्टियां अब हर वर्ग पर फोकस कर रही है. सभी वर्गो को लुभाने की कोशिश की जा रही है. खास कर पिछड़ा और अति पिछड़ा पर सभी की नजर है. इसको लेकर पार्टी खास रणनीति भी बना रही है. महागठबंधन जहां नई आरक्षण व्यवस्था कर पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की अगुवाई करना चाहता है. वहीं, बीजेपी कई महापुरुषों की जयंती कार्यक्रम का आयोजन कर उनसे जुड़े वर्ग को अपने तरफ करने में लगी हुई है.

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