
बीते एक दशक में भारतीय वस्त्र क्षेत्र ने रचा नया इतिहास
पिछले 10 वर्षों में भारत का वस्त्र उद्योग तेज़ी से बदला है। यह अब केवल कपड़ों के उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नवाचार, आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन का प्रमुख माध्यम बन गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह क्षेत्र न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की पहचान बन रहा है।
करोड़ों को मिला रोज़गार, निर्यात में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
- रोज़गार: वस्त्र क्षेत्र देश में 4.6 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोज़गार देता है।
- निर्यात: 2023-24 में भारत का वस्त्र और परिधान निर्यात 3.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया।
- बाजार आकार: 2013-14 में जहां वस्त्र बाजार का आकार 112 बिलियन डॉलर था, वह 2023-24 में 176 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।
पीएम मित्र योजना से मिलेगा नया आयाम
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) योजना के तहत 7 आधुनिक कपड़ा पार्क स्थापित किए हैं।
- अनुमानित निवेश: 70,000 करोड़ रुपये
- संभावित रोज़गार: 22 लाख से अधिक लोगों को लाभ
इन पार्कों में स्पिनिंग से लेकर गारमेंटिंग तक की पूरी प्रक्रिया एक ही परिसर में संभव होगी।
पारंपरिक कारीगरों को मिला नया जीवन
सरकार ने पारंपरिक हथकरघा, हस्तशिल्प और बुनकर समुदायों को वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए कई पहलें की हैं:
- इंडिया हैंडमेड ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म: 35,000 से अधिक उत्पाद अब वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन उपलब्ध
- 313 जीआई टैग: कारीगरों की विशिष्ट पहचान और बाज़ार में प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी
- PM VIKAS योजना: 2023-24 में 2 लाख कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण
टेक्निकल टेक्सटाइल और पुनर्चक्रण में भारत अग्रणी
- भारत का टेक्निकल टेक्सटाइल बाजार 2020 में 19 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 30 बिलियन डॉलर हो गया।
- पानीपत आज दुनिया का सबसे बड़ा कपड़ा पुनर्चक्रण केंद्र बन चुका है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम
- वस्त्र क्षेत्र में कार्यरत लोगों में 70 प्रतिशत महिलाएँ
- सरकार द्वारा बुनकर और कारीगरों को बीमा, पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा गया
नवाचार और आत्मनिर्भरता की ओर
- भारत ने पीएलआई योजना के तहत कपड़ा उत्पादन में गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया
- सस्टेनेबल फैशन और पर्यावरण अनुकूल उत्पादन प्रक्रियाओं पर ज़ोर
- भारत, ग्रीन टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर
निष्कर्ष
“वस्त्र केवल वस्त्र नहीं है, यह देश की पहचान है।”
भारत का वस्त्र उद्योग आज न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी देश की रीढ़ बन चुका है। नवाचार, समावेश और पहचान के इस दशक ने भारत को वस्त्र निर्माण और निर्यात में वैश्विक पटल पर अग्रणी बना दिया है।
लेखक परिचय:
श्री गिरिराज सिंह वर्तमान में भारत सरकार में केंद्रीय वस्त्र मंत्री हैं। वे नवाचारपरक योजनाओं और आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रबल समर्थक हैं।