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वसूली गैंग ने पटना को BJP अध्यक्ष के होर्डिंग्स से पाटा ! खुद तो डूबेंगे ही दिलीप जायसवाल को भी ले डूबेंगे..? कमिश्नर ने मेयर पुत्र की खोली थी पोल…अब खुश करने को अपना रहे तरह-तरह के हथकंडा

ByLuv Kush

मार्च 13, 2025
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बिहार की सत्ताधारी पार्टी भाजपा(BJP) अब भ्रष्टाचार युक्त पार्टी बन गई है. एक जमाना था जब भारतीय जनता जनता पार्टी के नेता अपना चाल,चरित्र और चेहरा अलग होने का दावा करते थे. राजनीति में शुचिता के झंडाबरदार होने का दंभ भरते थे. कांग्रेस को भ्रष्टाचार की गंगोत्री और राजद और लालू परिवार को भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाते थे. वही भाजपा आज पूरी तरह से बदल गई है. अब भाजपा का मतलब भ्रष्टाचार बढ़ाओ पार्टी होते जा रहा है. विपक्ष भाजपा इस दोहरे चरित्र पर बार-बार सवाल खड़ा कर रहा है. सवाल खड़े भी क्यों न हो….अब भ्रष्टाचार करने और वसूली करने का आरोपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन पर गुलदस्ता देते पोस्टर से राजधानी को पटवा देता है. वसूली करने का खुलासा किसी अदना आदमी ने नहीं, विपक्ष के नेता ने नहीं, बल्कि नीतीश सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व पटना नगर निगम के कमिश्नर की तरफ से लगाया गया है. बावजूद इसके पटना मेयर सीता साहू के पुत्र व भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शिशिर कुमार के खिलाफ भाजपा नेतृत्व ने कोई कार्रवाई नहीं किया. अब तो वसूली के आरोपी के हाथों से गुलदस्ता लेकर भाजपा के अध्यक्ष खुश होते दिख रहे हैं.

वसूली गैंग ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के पोस्टर से पटना को पाट दिया  

भाजपा नेता व पटना मेयर के पुत्र पर करप्शन के गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप किसी सामान्य आदमी ने नहीं नहीं, बल्कि नीतीश सरकार के आईएएस अधिकारी सह पटना नगर निगम के कमिश्नर ने लगाया. बजाप्ता मीडिया को इस बारे में जानकारी दी गई कि मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार ने लूट की सारी हदें पार कर दी हैं. मेयर पुत्र की वसूली से त्रस्त नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग से भी गुहार लगाई. इसके बाद जब मेयर पुत्र सह भाजपा नेता की भद्द पिटी. लिहाजा पार्टी के अंदर व नगर विकास विभाग में डैमेज कंट्रोल शुरू किया. नगर विकास विभाग के नए मंत्री जीवेश मिश्रा को खुश करने की कोशिश शुरू की गई. मिठाई खिलाकर तस्वीर वायरल किया गया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल के निर्वाचन के बाद पूरी राजधानी में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाये गए. जिसमें वसूली के आरोपी मेयर पुत्र शिशिर कुमार, दिलीप जायसवाल को गुलदस्ता देकर स्वागत करते दिख रहे हैं. बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर मैसेज देने की कोशिश की जा रही है., भाजपा में सबकुछ ठीक है. मेरे ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती.

कटघरे में भाजपा नेतृत्व 

अब बड़ा सवाल यही है कि, आखिर भाजपा के नेता लालू परिवार पर किस मुंह से आरोप लगाते हैं. जब पटना नगर निगम में वसूली करने के आरोप कमिश्नर ने लगाया, वैसी स्थिति में भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शिशिर कुमार के खिलाफ क्यों नहीं एक्शन लिया ? भाजपा कोटे के नगर विकास मंत्री वसूली गैंग के सरगना के हाथों मिठाई खा रहे, इससे क्या मैसेज जा रहा ?  वसूली के आरोपी शिशिर कुमार के हाथों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष गुलदस्ता ले रहे, वो तस्वीर प्रदेश कार्यालय से लेकर राजधानी के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगाने के पीछे क्या मकसद है ? जानकार बताते हैं कि वसूली के आरोपी शिशिर कुमार बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाकर पार्टी नेतृत्व को खुश करना चाहता है. साथ ही यह बताना चाहता है कि नगर निगम के कमिश्नर ने चाहे जो भी आरोप लगाए हों, अब भी भाजपा नेतृत्व के चहेते बने हुए हैं.

नगर निगम कमिश्नर ने 28 जनवरी को मेयर पुत्र सह भाजपा नेता की खोली थी पोल 

पटना नगर निगम आयुक्त कार्यालय की ओर से मीडिया को जानकारी दी गई थी कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पटना नगर निगम के विभिन्न वेंडर के अवधि का एक्सटेंशन के नाम से बलपूर्वक राशि की वसूली की जाती है. मेयर के बेटे की डिमांड पूरी होने के बाद ही एक्सटेंशन दिया जाता है. नगर निगम में काम करने वाले कुछ चुने हुए वेंडरों को ही कार्य-विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाता है. नगर आयुक्त कार्यालय के मुताबिक वेंडरों को एक्सटेंशन के संबंध में पटना नगर निगम कार्यालय द्वारा सशक्त स्थायी समिति के समक्ष अगस्त माह में ही प्रस्ताव रखा गया था, परंतु इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. नगर निगम प्रशासन की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक मेयर के बेटे ने वेंडरों से इस अवैध राशि की माँग की गई. लेकिन एजेंसी ने पैसा नहीं दिया तो  एक्सटेंशन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

नगर निगम में लूट की बानगी 

पटना नगर निगम का हाल ये है कि पिछले कई महीने से सशक्त स्थायी समिति की बैठक भी नहीं की गई है. निगम के सारे बड़े फैसले यही समिति करती है लेकिन बैठक ही नहीं की जा रही है. नगर निगम के लिए काम कर रही एजेंसी की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सशक्त स्थाई समिति द्वारा बैठक नहीं किए जाने से सारा काम बाधित हो रहा है.

कई अहम काम रुका

नगर निगम का हाल ये है कि अहम काम करने के लिए नई एजेंसी का चयन भी नहीं हो पा रहा है. मैनपॉवर और ड्राइविंग एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नगर आयुक्त द्वारा सशक्त स्थाई समिति को इस संबंध में फाइल भेजी गई लेकिन इसके बाद भी इसे कार्य सूची में भी शामिल नहीं किया गया.

राज्य सरकार खुद कराए काम

नगर आयुक्त कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस संबंध में नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है कि अब से किसी एजेंसी को टेंडर में ही कार्य-अवधि निर्धारित कर दी जाए और एक्सटेंशन की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाय. पटना नगर निगम में अवैध वसूली रोकने के लिए एजेंसी के एक्सटेंशन का अधिकार विभाग को दिया जा रहा है.

इस संबंध में नगर आयुक्त द्वारा पत्र लिखकर सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. दरअसल नगर निगम में काम कर रही एजेंसी के कर्मियों द्वारा लगातार यह आरोप लगाया गया है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पैसे की मांग की जा रही है. लगातार ये शिकायत मिली है कि शिशिर कुमार अवैध रूप से नगर निगम की गतिविधियों में शामिल रहते है और कार्यालय में निजी स्वार्थ के लिये दवाब बनाते है.

मेयर पुत्र सह भाजपा नेता ने सफाई में क्या कहा था….

पटना नगर निगम के कमिश्नर द्वारा मेयर पुत्र की पोल खोलने के बाद शिशिर कुमार ने इस पर सफाई दी थी. तब उन्होंने कहा था कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसका सबूत दें. अधिकारी बोल रहे थे कि पार्किंग के काम में फोन कर रूकवाया गया है. मैं नगर निगम के काम में हस्तक्षेप नहीं करता हूं. मेरा फोन नंबर की जांच करा लें. जहां तक एक्सटेंशन दिए जाने की बात है, इस संबंध में जो भी आरोप लगाए गए हैं, वो पूरी तरह से गलत है.

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