महाकुंभ में मौनी अमावस्या को मची भगदड़ में बिहार के 11 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही बिहार के कई लोग अभी भी लापता हैं। भगदड़ में गोपालगंज की 4 महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई। इनमें बरौली थाना क्षेत्र के माड़नपुर गांव की रहने वाली 65 वर्षीय शिवकली देवी, भोरे थाना क्षेत्र के रामनगर गांव की 68 वर्षीय सरस्वती देवी, उचका थाना क्षेत्र के श्यामपुर गांव की तारा देवी और बलेसरा गांव की 62 वर्षीय सुशीला देवी शामिल है। इस भगदड़ में गोपालगंज की कई महिला लापता हैं। इसके अलावे बलेसरा गांव की रहने वाली कांति देवी (65 वर्ष) की भी मौत की आशंका जताई जा रही है। वहीं, विजयीपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव की रहने वाली मुन्नी देवी, राजकुमारी देवी, शोभावती देवी और रीमा देवी लापता हैं।
बिहार के औरंगाबाद की रहने वाली दो महिला श्रद्धालु की भी भगदड़ में मौत हुई है। मृतक राजरानी देवी (65 वर्ष) गोह प्रखंड के बंदेया थाना क्षेत्र के सोसुना गांव की रहने वाली थी। सुरेश यादव की पत्नी राजरानी अपने बेटे गुड्डू के साथ 27 जनवरी को प्रयागराज गई थी। इसके साथ ही हसपुरा थाना क्षेत्र के मनपुरा गांव की रहने वाली सोनम कुमारी (20) की भी मौत हो गई है। सुपौल की रहने वाली एक महिला की भी जान गई है। मृतक देहपुर के रामविशनपुर गांव की रहने वाली थी। इसके साथ ही सीता देवी (55 वर्ष) की मौत हो गई है।
मुजफ्फरपुर की रहने वाली एक महिला की भी मौत हुई है। मृतक शिवा देवी (60 वर्ष) जिले के मसहरी प्रखंड के छपरा मेघ पंचायत के रूपनाथ टोला की रहने वाली थी। वहीं बगहा की रहने वाली एक महिला की भी मौत हो गई है। प्रयागराज महाकुंभ में शाही स्नान कर नदी किनारे बैठे बगहा के 68 वर्षीय रामेश्वर चौबे की मौत भगदड़ हादसे में हो गई है। बांका जिले के धोरैया प्रखंड के चलना गांव निवासी 50 वर्षीय सत्यवान रजक की भी मौत हो गई है। वहीं भगदड़ के बाद जहानाबाद की 3 महिला लापता है। प्रयागराज में कुंभ स्नान करने गईं सदर प्रखंड के अमैन गांव की रहने वाली रेणु देवी और सियामणि देवी का भगदड़ के बाद कुछ अता-पता नहीं चल पा रहा है। वहीं, हुलासगंज थाना क्षेत्र के बौरी गांव निवासी बबीता कुमारी भी भगदड़ के बाद से लापता है।