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पटना:

बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बेरोजगारी, महंगाई और परिवारवाद जैसे ज्वलंत मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज देश और खासकर बिहार में बेरोजगार युवाओं की फौज खड़ी हो रही है, लेकिन सरकारों के पास इससे निपटने की कोई ठोस नीति नहीं है।

💬 

“सरकारें राशन बांटकर खुश हैं, रोजगार और शिक्षा पर चुप्पी”

पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा:

“महंगाई आसमान छू रही है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, शिक्षा और स्वास्थ्य का बुरा हाल है। लेकिन सरकारें सिर्फ राशन बांटकर अपनी पीठ थपथपा रही हैं।”

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है और सरकार युवाओं को सिर्फ आश्वासन दे रही है, अवसर नहीं।

🎯 

“बिहार में चल रहा परिवारवाद का खेल” – तेजस्वी का कटाक्ष

तेजस्वी यादव ने परिवारवाद को लेकर एनडीए नेताओं द्वारा उन पर किए गए हमलों का जवाब देते हुए कहा:

“हम पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाले खुद अपने रिश्तेदारों को आयोगों में सेट कर रहे हैं। अब तो ‘जमाई आयोग’ बन ही चुका है, अब ‘जीजा आयोग’ और ‘मेहरारू आयोग’ भी बना दीजिए।”

तेजस्वी का यह बयान स्पष्ट रूप से बिहार सरकार के कुछ मंत्रियों और अफसरों द्वारा अपने परिजनों को सरकारी पदों पर नियुक्त करवाने की ओर इशारा करता है।

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मंत्री अशोक चौधरी पर भी साधा निशाना

बिना नाम लिए तेजस्वी यादव ने जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी पर कटाक्ष करते हुए कहा:

“जो चुनाव नहीं जीतते, वे आज प्रवचन दे रहे हैं। बिना जीते दो बार मंत्री बन जाना भी एक टैलेंट है। बेटी सांसद, दामाद आयोग में और खुद मंत्री – ये विशेष टैलेंट है।”

इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है।

✈️ 

उड़ान योजना पर जताई खुशी, मगर आम जनता की पहुंच पर सवाल

हाल ही में बिहार सरकार द्वारा 6 जिलों – मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, वाल्मीकिनगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा – में हवाईअड्डों के विकास की घोषणा पर तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“यह हमारी सरकार के समय शुरू हुई योजना थी, अच्छा है कि उसे आगे बढ़ाया गया। लेकिन सरकार को ये भी बताना चाहिए कि क्या आम आदमी भी इन हवाई सेवाओं का लाभ ले पाएगा?”

उन्होंने टिकट दरों में भारी बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ‘उड़ान योजना’ तब सफल मानी जाएगी जब गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी उससे उड़ान भर सकें।

तेजस्वी यादव का तीखा हमला: “बिहार में बना दीजिए जीजा और मेहरारू आयोग”

पटना:

बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बेरोजगारी, महंगाई और परिवारवाद जैसे ज्वलंत मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज देश और खासकर बिहार में बेरोजगार युवाओं की फौज खड़ी हो रही है, लेकिन सरकारों के पास इससे निपटने की कोई ठोस नीति नहीं है।

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“सरकारें राशन बांटकर खुश हैं, रोजगार और शिक्षा पर चुप्पी”

पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा:

“महंगाई आसमान छू रही है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, शिक्षा और स्वास्थ्य का बुरा हाल है। लेकिन सरकारें सिर्फ राशन बांटकर अपनी पीठ थपथपा रही हैं।”

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है और सरकार युवाओं को सिर्फ आश्वासन दे रही है, अवसर नहीं।

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“बिहार में चल रहा परिवारवाद का खेल” – तेजस्वी का कटाक्ष

तेजस्वी यादव ने परिवारवाद को लेकर एनडीए नेताओं द्वारा उन पर किए गए हमलों का जवाब देते हुए कहा:

“हम पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाले खुद अपने रिश्तेदारों को आयोगों में सेट कर रहे हैं। अब तो ‘जमाई आयोग’ बन ही चुका है, अब ‘जीजा आयोग’ और ‘मेहरारू आयोग’ भी बना दीजिए।”

तेजस्वी का यह बयान स्पष्ट रूप से बिहार सरकार के कुछ मंत्रियों और अफसरों द्वारा अपने परिजनों को सरकारी पदों पर नियुक्त करवाने की ओर इशारा करता है।

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मंत्री अशोक चौधरी पर भी साधा निशाना

बिना नाम लिए तेजस्वी यादव ने जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी पर कटाक्ष करते हुए कहा:

“जो चुनाव नहीं जीतते, वे आज प्रवचन दे रहे हैं। बिना जीते दो बार मंत्री बन जाना भी एक टैलेंट है। बेटी सांसद, दामाद आयोग में और खुद मंत्री – ये विशेष टैलेंट है।”

इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है।

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उड़ान योजना पर जताई खुशी, मगर आम जनता की पहुंच पर सवाल

हाल ही में बिहार सरकार द्वारा 6 जिलों – मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, वाल्मीकिनगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा – में हवाईअड्डों के विकास की घोषणा पर तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“यह हमारी सरकार के समय शुरू हुई योजना थी, अच्छा है कि उसे आगे बढ़ाया गया। लेकिन सरकार को ये भी बताना चाहिए कि क्या आम आदमी भी इन हवाई सेवाओं का लाभ ले पाएगा?”

उन्होंने टिकट दरों में भारी बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ‘उड़ान योजना’ तब सफल मानी जाएगी जब गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी उससे उड़ान भर सकें।