पटना, 20 मई:बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अर्धसैनिक बलों को भारतीय सशस्त्र बलों के समकक्ष सम्मान, मान्यता और सुविधाएं देने की मांग की है। तेजस्वी ने यह पत्र 14 मई को लिखा था, जिसे उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सार्वजनिक किया।
अर्धसैनिक बलों की भूमिका को बताया अहम
पत्र में तेजस्वी यादव ने सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे बलों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि ये बल आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने, आतंकवाद से निपटने और सीमाओं की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि इन बलों के जवान भी सेना के जवानों की तरह बलिदान देते हैं, लेकिन उन्हें उतना सम्मान और कल्याण सुविधाएं नहीं मिलतीं।
‘युद्ध हताहत’ का दर्जा देने की मांग
तेजस्वी ने अपने पत्र में केंद्र सरकार से मांग की कि अर्धसैनिक बलों के शहीदों को ‘युद्ध हताहत’ (War Casualties) का दर्जा दिया जाए ताकि उनके परिजनों को समान मरणोपरांत लाभ, नौकरी, पेंशन और शैक्षणिक सहायता मिल सके। उन्होंने इसे एक नीतिगत असमानता और भेदभाव करार दिया और कहा कि इसमें तत्काल सुधार की जरूरत है।
वन रैंक, वन पेंशन लागू करने की अपील
तेजस्वी ने अर्धसैनिक बलों के लिए वन रैंक, वन पेंशन (OROP) की व्यवस्था लागू करने की भी मांग की। साथ ही, उन्होंने स्वतः पेंशन योजना को प्रभावी रूप से लागू करने और परिवारों को उदार मुआवजा देने की सिफारिश की। उनका कहना है कि समान जोखिम में कार्यरत जवानों के बीच भेदभाव देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए उचित नहीं है।
‘नीतिगत सुधार जरूरी’
राजद नेता ने कहा, “मैंने गृह मंत्री से आग्रह किया है कि वे ऐसे नीतिगत सुधार शुरू करें जो सभी सुरक्षा बलों को समानता, सम्मान और न्याय सुनिश्चित करें।” उनका यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब देश में अर्धसैनिक बलों की भूमिका और उनके कल्याण से जुड़े मुद्दे राष्ट्रीय विमर्श में हैं।
सारण के बीएसएफ जवान की शहादत का किया उल्लेख
तेजस्वी यादव ने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए कहा कि कई अर्धसैनिक जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें बिहार के सारण जिले के बीएसएफ एसआई मोहम्मद इम्तियाज भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि ऐसे बलिदानों को उचित सम्मान और समर्थन मिलना बेहद जरूरी है।