भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सह प्रदेश प्रवक्ता जयराम विप्लव ने राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में तेजस्वी यादव को लालू प्रसाद यादव के बराबर का दर्जा देने को महज दिखावा करार दिया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव 2015 से ही राजद के सर्वेसर्वा हैं। सबको पता है कि वे लालू यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं। ऐसे में कार्यकारिणी बैठक, संविधान संशोधन और प्रस्ताव पास करने का क्या औचित्य है? यह केवल जनता को भ्रमित करने का ढोंग है।”
सामाजिक न्याय पर राजद की सच्चाई
विप्लव ने सवाल उठाते हुए कहा, “राजद ‘सामाजिक न्याय’ का दावा करती है, लेकिन पार्टी में शीर्ष पदों पर अब तक किसी दलित, आदिवासी, अति पिछड़े या मुसलमान को मौका क्यों नहीं मिला? क्या राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष कभी कोई गैर-परिवार का व्यक्ति बनेगा? कोई यादव ही बना दो, लेकिन परिवार से बाहर का। राजद में शीर्ष पद केवल लालू परिवार के लिए आरक्षित क्यों हैं?”
परिवारवाद की राजनीति उजागर
उन्होंने राजद पर परिवारवाद की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के सभी बड़े पद यादव परिवार के कब्जे में हैं। “यह कैसी सामाजिक न्याय की राजनीति है, जहां एक ही परिवार का वर्चस्व है और अन्य समुदाय हाशिए पर हैं? राजद का तथाकथित ‘सामाजिक न्याय’ केवल नारेबाजी है।”
भाजपा का वादा: सबका विकास, सबको प्रतिनिधित्व
जयराम विप्लव ने कहा कि बिहार की जनता अब परिवारवादी राजनीति को नकार चुकी है। एनडीए सरकार ने हर वर्ग को सशक्त करने और समान अवसर देने का काम किया है। भाजपा का संकल्प है—राजनीति को परिवारवाद और सामाजिक अन्याय से मुक्त करना। “तेजस्वी यादव को जवाब देना होगा कि राजद में शीर्ष पदों पर परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति कब आएगा? जनता अब इस खोखली राजनीति को और बर्दाश्त नहीं करेगी।”
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