पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने गुरुवार देर रात सोशल मीडिया पर एक बड़ा बयान जारी कर बिहार की राजनीति में जारी अफवाहों पर विराम लगाने की कोशिश की। उन्होंने नई राजनीतिक पार्टी बनाए जाने की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब “जयचंद किस्म के लोगों” की साजिश है, जो उनकी छवि को धूमिल करना चाहते हैं।
“जयचंदों से सावधान रहें”, जनता से अपील
तेज प्रताप यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने पिता लालू प्रसाद यादव के साथ कुछ पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा:
“अब तो हद हो गई, इस ‘जयचंद’ ने तो ये अफवाह भी उड़ा दी है कि मैं कोई नई राजनीतिक पार्टी बना रहा हूं। बिहार की जनता से फिर से यही अपील करूंगा कि ऐसी किसी भी भ्रामक खबरों पर विश्वास नहीं करें। जय हिंद, जय बिहार, जय राजद।”
इस बयान के साथ उन्होंने यह संकेत देने की कोशिश की कि वे अभी भी RJD और अपने पारिवारिक संबंधों को महत्व देते हैं।
नए ऑफिस वाले वीडियो से शुरू हुई थी अटकलें
हाल ही में तेज प्रताप यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे पटना में एक नए ऑफिस में बैठते नजर आए। इसके बाद मीडिया में यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि वे जल्द ही अपनी नई पार्टी का एलान कर सकते हैं। कुछ रिपोर्ट्स ने यहां तक दावा किया कि वे आरजेडी से अलग अपनी स्वतंत्र राजनीतिक राह तलाश रहे हैं।
व्यक्तिगत विवादों में भी घिरे रहे तेज प्रताप
पिछले महीने तेज प्रताप यादव एक और विवाद के केंद्र में आए, जब उनके सोशल मीडिया अकाउंट से एक तस्वीर पोस्ट हुई जिसमें वे अनुष्का यादव नामक युवती के साथ नजर आए। पोस्ट में दावा किया गया कि वे पिछले 12 वर्षों से रिलेशनशिप में हैं। हालांकि कुछ देर बाद यह पोस्ट डिलीट कर दी गई और तेज प्रताप ने इसे “हैकिंग” का मामला बताया।
इस विवाद के बाद लालू प्रसाद यादव ने कड़ा कदम उठाते हुए तेज प्रताप को RJD से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया और उन्हें परिवार से भी बेदखल करने की घोषणा की।
तेज प्रताप का आरोप: “पार्टी के अंदर साजिश”
तेज प्रताप का कहना है कि पार्टी के अंदर ही कुछ ‘जयचंद’ जैसे लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं और लगातार उनकी छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इशारों में संकेत दिया कि यह पूरी रणनीति उन्हें राजनीतिक और पारिवारिक रूप से अलग-थलग करने की है।
क्या होगा अगला कदम?
हालांकि तेज प्रताप यादव ने नई पार्टी बनाने की बात से इनकार कर दिया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में उनका अगला कदम बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।
फिलहाल, उन्होंने राजद और लालू प्रसाद यादव के साथ अपने रिश्ते की बात दोहराई है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या तेज प्रताप सुलह की राह चुनते हैं या कोई नई राजनीतिक रणनीति अपनाते हैं।