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पटना, 16 जून।राज्य में पुल निर्माण की गुणवत्ता और तकनीकी दक्षता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से रविवार को पटना स्थित ज्ञान भवन में कनीय अभियंताओं और तकनीकी पर्यवेक्षकों के लिए विशेष उन्मुखीकरण-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी ने किया।

मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य है कि बिहार के सुदूरवर्ती इलाकों को मजबूत पुल और सड़क नेटवर्क से जोड़ा जाए ताकि राजधानी पटना तक अधिकतम 4 घंटे में पहुंचा जा सके। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण केवल तकनीकी जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा अभियंताओं को अपनी सोच, विशेषज्ञता और निष्ठा के साथ राज्य को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाने का अवसर भी देगा।

उन्होंने जानकारी दी कि ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई अब 1,18,706 किलोमीटर हो चुकी है और पुलों के निर्माण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनसे कृषि उत्पादों को बाजार तक ले जाना सुगम हुआ है। इससे राज्य के कृषि उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

पुल निर्माण की तकनीकों पर विस्तार से चर्चा

प्रशिक्षण में पुल निर्माण की डिजाइन, मिट्टी की जांच, निर्माण प्रक्रिया, लोड टेस्टिंग और सुरक्षा उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। खासतौर पर डीप फाउंडेशन तकनीक की जानकारी दी गई, जिसका उपयोग कमजोर भूमि या भारी यातायात वाले पुलों के निर्माण में किया जाता है। इसमें पाइल फाउंडेशन और वेल फाउंडेशन जैसी उन्नत तकनीकों की जानकारी दी गई।

अब तक राज्य में लगभग 2,500 पुलों का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है, जबकि 950 पुलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना को नौ वर्षों बाद फिर से प्रारंभ किया गया है। वर्ष 2024–25 में ₹2,977 करोड़ की लागत से 649 नए पुलों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है।

गुणवत्ता के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू

अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने सभी अभियंताओं को निर्देश दिया कि पुल निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा तैयार मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सहायक अभियंता और अधीक्षण अभियंता सहित वरिष्ठ अभियंताओं के लिए भी उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

इस अवसर पर ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख-सह-विशेष सचिव श्री भगवत राम ने मंत्री का स्वागत किया और तकनीकी बारीकियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में ग्रामीण कार्य विभाग के विशेष सचिव श्री उज्ज्वल कुमार सिंह, अभियंता प्रमुख श्री निर्मल कुमार, संयुक्त सचिव श्री संजय कुमार, श्री अभय झा सहित बड़ी संख्या में अभियंता और तकनीकी स्टाफ मौजूद रहे।

उद्देश्य : तकनीकी दक्षता और बेहतर कनेक्टिविटी

कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल पुल निर्माण की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है, बल्कि अभियंताओं की तकनीकी दक्षता को भी मजबूत करना है, ताकि ग्रामीण बिहार की कनेक्टिविटी में नई गति लाई जा सके।