पटना, 6 जून 2025:
बिहार की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के प्रथम चरण की तीसरी इकाई (660 मेगावाट) का सफलतापूर्वक ट्रायल रन 5 जून को पूरा कर लिया गया है। इस उपलब्धि के साथ ही प्रथम चरण के तहत कुल 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता पूरी हो चुकी है।
राज्य को मिलेगी 1110 मेगावाट बिजली
इस परियोजना के तहत बिहार को कुल 1110 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी, जिससे राज्य की बिजली आपूर्ति को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त द्वितीय चरण की 1320 मेगावाट क्षमता वाली इकाइयाँ पहले ही 2016 में पूरी हो चुकी हैं, जिससे बिहार को पहले से ही 1136 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिल रही है।
पहली और दूसरी इकाई पहले ही हो चुकी हैं ऊर्जान्वित
प्रथम चरण की पहली इकाई को नवंबर 2021 में और दूसरी इकाई को अगस्त 2023 में ऊर्जान्वित किया गया था। अब तीसरी इकाई के सफल ट्रायल रन के साथ ही इस चरण का लक्ष्य पूर्ण हो गया है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया “मील का पत्थर”
इस मौके पर बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा,
“बाढ़ थर्मल पावर प्लांट राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है कि आज हम बिहार को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लक्ष्य की ओर अग्रसर होते देख रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि औद्योगिक, कृषि और व्यापारिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।
कुल क्षमता 3300 मेगावाट, दो चरणों में हो रहा है निर्माण
बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की कुल उत्पादन क्षमता 3300 मेगावाट है, जिसे दो चरणों में विभाजित किया गया है:
- प्रथम चरण: 660×3 = 1980 मेगावाट
- द्वितीय चरण: 660×2 = 1320 मेगावाट
परियोजना का उद्देश्य राज्य की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करना और औद्योगिक विकास को समर्थन देना है।