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बिहार में ‘शिकायत वापसी’ का अजब खेल: जिला परिषद अध्यक्षा ने DDC पर लगाए आरोप, फिर खुद ही पलट गईं!

ByLuv Kush

मई 8, 2025
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पटना/बक्सर: बिहार में एक बार फिर प्रशासनिक हलकों में राजनीति और नौकरशाही के बीच ‘शह-मात’ का खेल देखने को मिला है। बक्सर जिला परिषद की अध्यक्षा सरोज देवी ने पहले उप विकास आयुक्त (DDC) डॉ. महेन्द्र पाल के खिलाफ गंभीर शिकायतें कीं, लेकिन जब जांच की प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंची, तब उन्होंने खुद ही पत्र लिखकर कहा कि अब कोई शिकायत नहीं है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने आरोपों से जुड़ी फाइल को बंद (संचिकास्त) करने का आदेश जारी कर दिया।

शिकायत की शुरुआत: मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक को लिखा पत्र

बक्सर जिला परिषद की अध्यक्षा सरोज देवी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र भेजकर डॉ. महेन्द्र पाल के खिलाफ शिकायत की थी। विभाग ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए शपथ पत्र की मांग की, जिसमें अध्यक्षा ने आरोपों को सत्य बताया। इसके आधार पर 10 मार्च 2025 को जिलाधिकारी को जांच करने का आदेश दिया गया।

जांच हुई, रिपोर्ट बनी… लेकिन रिपोर्ट से पहले पलटी मार गईं शिकायतकर्ता!

बक्सर के अपर समाहर्ता द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट 29 मार्च को जिलाधिकारी को सौंपी गई। जिलाधिकारी ने यह रिपोर्ट 12 अप्रैल को सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी, जिसमें आरोपों की पुष्टि नहीं होने की बात कही गई।

लेकिन, इससे पहले ही यानी 9 अप्रैल 2025 को जिला परिषद अध्यक्षा सरोज देवी का एक और पत्र विभाग को मिला। इस पत्र में उन्होंने लिखा:

“सही तथ्यों की जानकारी होने के बाद अब उप विकास आयुक्त डॉ. महेन्द्र पाल के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है।”

इस बयान के साथ ही पूरा मामला पलट गया, और आरोपों की फाइल संचिकास्त कर दी गई।

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