पटना में आज देशभर के स्पीकर-डिप्टी स्पीकर का महाजुटान होने जा रहा है। आज दो दिवसीय 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे। रविवार की देर शाम ओम बिड़ला पटना पहुंचे हैं। इस सम्मेलन में 56 विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बिहार को 43 साल के बाद इस सम्मेलन की मेजबानी करने का मौका मिला है।
दरअसल, संविधान में संसद या राज्य विधान मंडल को अपने-अपने सदन के संचालन की प्रक्रिया बनाने का अधिकार प्राप्त है। इसके तहत सभी विधायी निकायों ने अपना-अपना कार्य संचालन नियमावली बनाया है। मोटे तौर पर यह समान स्वरूप में है परन्तु संसद सहित कई राज्यों में कुछ प्रक्रिया एवं नियम अलग-अलग भी हैं।
संसदीय प्रणाली में यह परम्परा रही है कि सभी निकाय एक दूसरे के सम्पर्क में रहें, एक दूसरे की प्रक्रियाओं का अध्ययन करें और एक दूसरे की प्रक्रियाओं को जो सहज रूप में स्वीकार्य हों, उसे अपनाएं। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह सम्मेलन अखिल भारतीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष किसी-न-किसी राज्य में होता रहा है। इस बार यह मौका बिहार को मिला है।
बिहार को यह मौका लगभग 43 वर्षों के बाद मिला है। इसके पहले यह 1982 में बिहार हुआ था। यह बिहार में तीसरा सम्मेलन होगा। सबसे पहले दिनांक 6 एवं 7 जनवरी, 1964 को पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन बिहार विधान सभा में हुआ था। उस समय स्व० लक्ष्मी नारायण सुधांशु, विधान सभा के अध्यक्ष थे। उसके बाद 1982 में और अब 2025 में यह हो रहा है। पीठासीन अधिकारियों के इस सम्मेलन के आयोजन का इतिहास काफी पुराना है। यह पहली दफा यह सन 1921 को शिमला में आयोजित हुआ था।
इस सम्मेलन के दो सत्र होते हैं, आरम्भिक सत्र एवं विमर्श सत्र। आरम्भिक सत्र में प्रेस के लोग शामिल होंगे और विमर्श सत्र में सिर्फ पीठासीन अधिकारी ही रहेंगे। यह सम्मेलन बिहार विधानमंडल के विस्तारित भवन के सेन्ट्रल हॉल में होगा। विस्तारित भवन के पोर्टिको के दक्षिण भाग में ग्रुप फोटोग्राफी होगी। दिन के 12 बजे से डेढ बजे तक आरम्भिक सत्र होगा इसके बाद लंच और फिर ढाई बजे से विमर्श सत्र शुरू होगा।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.