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पटना। बिहार सरकार राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य के सात जिलों – अररिया, बांका, जहानाबाद, औरंगाबाद, नवादा, कैमूर और खगड़िया – में नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए 2860 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है।


अररिया में भूमि हस्तांतरण पूरा, जल्द शुरू होगा निर्माण

इन सातों जिलों में मेडिकल कॉलेज भवनों का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। अररिया जिले में 20 एकड़ जमीन का हस्तांतरण पहले ही हो चुका है, और यहां जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। अन्य जिलों में भी ज़मीन चिन्हित की जा चुकी है और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

खगड़िया में चूंकि निजी ज़मीन अधिग्रहण की आवश्यकता है, इसलिए यहां के लिए 460 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जबकि अन्य छह जिलों के लिए प्रत्येक को 400 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है।


नीतीश कुमार की घोषणा के बाद तेज़ हुई प्रक्रिया

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी ‘प्रगति यात्रा’ (दिसंबर 2024 – फरवरी 2025) के दौरान इन सात जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसके तुरंत बाद स्वास्थ्य विभाग ने जमीन चिन्हांकन और सर्वेक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी थी।


बिहार में मेडिकल शिक्षा का हो रहा विस्तार

बिहार में वर्तमान में 15 सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं।

  • इनमें 1925 से 1979 के बीच स्थापित 6 प्रमुख कॉलेज शामिल हैं — जैसे पटना का पीएमसीएच और एनएमसीएच, दरभंगा का डीएमसीएच, गया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के मेडिकल कॉलेज।
  • 2005 के बाद राज्य सरकार ने पश्चिम चंपारण (बेतिया), पावापुरी, मधेपुरा, पूर्णिया, समस्तीपुर और छपरा जैसे जिलों में भी मेडिकल कॉलेज शुरू किए हैं।

हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की सरकार की योजना

राज्य सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य हर जिले में कम से कम एक सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करना है, ताकि न केवल चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच बढ़े, बल्कि स्थानीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर भी मिलें।


स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में यह कदम बिहार को एक नई दिशा देगा और ग्रामीण व दूरस्थ इलाकों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।