
पटना। राजधानी में अपराधियों ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती दी है। पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज वारदात के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है और सरकार व पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जिसकी अगुवाई सिटी एसपी सेंट्रल करेंगी। डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
राजनीतिक हलकों में उबाल, नेताओं का खेमका परिवार से मिलने का सिलसिला जारी
गोपाल खेमका की हत्या के बाद से उनके आवास पर नेताओं का आना-जाना जारी है। सबसे पहले रात करीब 2:30 बजे निर्दलीय सांसद पप्पू यादव पहुंचे। उन्होंने घटना को लेकर नीतीश सरकार और पुलिस प्रशासन पर तीखा हमला बोला।
पप्पू यादव का बयान:
“राजधानी पटना के गांधी मैदान जैसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में जब एक बड़े व्यवसायी की हत्या हो सकती है, तो बाकी राज्य की हालत का अंदाजा लगाइए। बिहार में महा गुंडाराज शुरू हो गया है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। बिहार पुलिस को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।”
शनिवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी खेमका के परिजनों से मिलने पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी जल्द ही शोक-संवेदना प्रकट करने उनके आवास पहुंच सकते हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्ष ने घटना की निंदा की
घटना के बाद राजनीतिक दलों ने एक स्वर में इसकी निंदा की है। विपक्ष ने जहां इसे जंगलराज की वापसी बताया, वहीं सत्ताधारी दल के नेताओं ने अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
जांच जारी, अपराधियों की तलाश में छापेमारी
फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर हत्यारों की पहचान में जुटी है। आसपास के इलाकों में लगातार छापेमारी की जा रही है।
पटना में दिन-ब-दिन बढ़ते अपराधों को लेकर आम जनता में भी रोष है और लोग सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।