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सिक्किम में बादल फटने के बाद आई अचानक बाढ़ से राज्य में भारी तबाही आ गई है। इस हादसे में अब तक 51 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, लापता 22 सैनिकों में से सात के शव मिले हैं। इस बीच दूर्गा पूजा के लिए राज्य का दौरा करने वाले पर्यटकों के लिए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने एक बयान जारी किया है।

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए CM तमांग ने कहा कि ‘चूंकि कनेक्टिविटी की कमी है, हम अपने उन पर्यटकों को कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं जो दुर्गा पूजा के लिए सिक्किम आना चाहते हैं, जब तक कि सब कुछ बहाल नहीं हो जाता। स्कूल और कॉलेज 15 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि छात्रों की जान खतरे में नहीं डाल सकते है। हमने पश्चिम सिक्किम में स्कूल बंद नहीं किए हैं क्योंकि यह इलाका सुरक्षित है। पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों से भी चर्चा चल रही है, लेकिन सीएम ममता बनर्जी से मेरी कोई बातचीत नहीं हुई है।’

भारत सरकार कर रही हर संभव सहायता

सीएम तमांग ने आगे कहा कि बाढ़ प्रभावित सिक्किम की मदद के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा तत्काल राहत के लिए रसद सहायता, सेना और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं,

केंद्र स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने बताया की राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे फोन किया था।’

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फंसे हुए लोगों को बचाना हमारी पहली प्राथमिकता

बता दें कि सिक्किम में शुक्रवार के आंकड़ों के मुताबिक, 19 शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, 103 अभी भी लापता हैं। सीएम तमांग ने कहा कि हमारी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को बचाना और बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करना है।

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लापता 22 सैन्य अधिकारियों में से 7 के शव मिल गए हैं। उन्होंने बताया की देर रात कुछ और शव बरामद हुए, हम संख्या गिन रहे हैं। प्रभावित परिवारों की कुल संख्या 22,000 से अधिक है और हमने 3900 से अधिक लोगों को बचाया है और उन्हें बचाव शिविरों में रखा है। सिक्किम में वर्तमान में लगभग 26 राहत शिविर चल रहे हैं।

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