भागलपुर, 31 जुलाई:गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, आस्था की धारा है। लेकिन बरारी पुल घाट की लहरों में हर महीने 3 से 4 लोग डूबते थे। कभी नहाते हुए, कभी स्नान के दौरान लहरों की चपेट में आकर लोग जिंदगी हार जाते थे। मगर अब तस्वीर बदल गई है — और इसके पीछे है एक नाम: डॉ. अजय कुमार सिंह और उनकी संस्था ‘जीवन जागृति सोसायटी’।
जहां पहले मौत तय थी, वहां अब जिंदगी की उम्मीद है!
बरारी पुल घाट की पहचान अब डूबने की घटनाओं से नहीं, बल्कि बचाव की कहानियों से जुड़ गई है। पांच साल पहले जो घाट हर महीने शोकसभा का कारण बनता था, वहां अब 5 वर्षों में सिर्फ 4 मौतें दर्ज की गई हैं। यानी 200 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई — वो भी बिना किसी सरकारी बजट या बड़ी मशीनरी के।
गोताखोर मुकेश मल्लाह बना घाट का हीरो
डॉ. अजय सिंह ने जब डूबने की घटनाओं पर ध्यान दिया, तो उन्होंने स्थानीय गोताखोर मुकेश मल्लाह को खोज निकाला। आर्थिक रूप से कमजोर मुकेश को घाट पर एक दुकान दिलवाई गई ताकि वो हमेशा घाट पर मौजूद रहे। साथ ही, ट्यूब, रस्सी, लाइफ जैकेट जैसे जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराए गए।
डॉ. अजय ने घोषणा की — “जो भी बचाव करेगा, उसे हम आर्थिक सम्मान देंगे।” और फिर क्या था, घाट पर 11 युवाओं की बचाव टीम खड़ी हो गई, जो हर समय तैयार रहती है — जान देने नहीं, जान बचाने के लिए।
‘हर सेकेंड कीमती है’ — घड़ी देकर किया सम्मान
आज गंगा घाट विकास समिति और स्थानीय नागरिकों ने जीवन जागृति सोसायटी को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया। सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतेंद्र, सचिव सोमेश, उपाध्यक्ष संबित कुमार को प्रशस्ति पत्र, शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
सबसे खास बात — 11 बचावकर्मियों को घड़ी दी गई और डॉ. अजय ने कहा,
“यह घड़ी इसलिए दी गई है क्योंकि हर सेकेंड बेशकीमती है — खासकर जब किसी की जान डूब रही हो। आप समय की कीमत समझते हैं, और दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जोखिम में डालते हैं।”
इन योद्धाओं को मिला सम्मान:
मुकेश महलदार, मनीष ठाकुर, सचिन ठाकुर, लल्लू कुमार, सुमित ठाकुर, अमित कुमार, लड्डू ठाकुर, राकेश कुमार, सौरव मिश्रा, निर्भय सिंह — ये सिर्फ नाम नहीं, ये वो चेहरे हैं जिनकी वजह से सैकड़ों परिवार आज ज़िंदा हैं।
मंच संचालन और आयोजक:
कार्यक्रम का संचालन राज सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन काशीनाथ सिंह ने दिया। जीवन जागृति सोसायटी के कई वरिष्ठ सदस्य भी उपस्थित रहे, जिनमें डॉ आरसी, नाजिनी, रजनीश सिंह, नीरज मंडल प्रमुख रहे।
Voice of Bihar की टिप्पणी:
जब सरकारें सिर्फ घोषणाएं करती हैं, तब ऐसे लोग सामने आते हैं जो ज़मीन पर ज़िंदगी बचाते हैं। भागलपुर का बरारी पुल घाट अब सिर्फ गंगा स्नान का स्थान नहीं, जनसेवा का उदाहरण बन चुका है।
डॉ. अजय कुमार सिंह और उनकी टीम को Voice of Bihar सलाम करता है।






